Bihar News: अस्पताल में नहीं मिली जगह, सड़क पर खड़ी एंबुलेंस में निकालनी पड़ी आंख
नेत्रदान कराने के लिए आईजीआईएमएस से गयी डॉक्टरों की टीम को सड़क पर ही एंबुलेंस में हरजीत कौर का नेत्रदान करवाना पड़ा.
पटना. सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी प्राइवेट नर्सिंग होम्स की मनमानी नहीं रुक रही. इसकी एक और बानगी पटना के एक प्राइवेट में देखने को मिला. पटना के राजेंद्र नगर रोड नंबर तीन स्थित अशोका हॉस्पिटल का है जहां अस्पताल प्रबंधन ने 74 वर्षीय हरजीत कौर के निधन के बाद उनका नेत्र दान कराने से इनकार कर दिया. इसको लेकर सत्ताधारी दल के बड़े नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अब सरकार से कार्रवाई करने की मांग किया है.
दरअसल, हरजीत कौर और उनका परिवार यह चाहता था कि उनके नेत्र को दधीच देहदान समिति को दान कर दिया जाए. अपने निधन के पहले हरजौत कौर ने इसकी सारी प्रक्रिया भी पूरी कर ली थी. लेकिन, अस्पताल प्रबंधन ने अमानवीय व्यवहार करते हुए इसकी अनुमति नहीं दी. जिसके बाद नेत्रदान कराने के लिए आईजीआईएमएस से गयी डॉक्टरों की टीम को सड़क पर ही एंबुलेंस में हरजीत कौर का नेत्रदान करवाना पड़ा. इसकी सूचना मिलने पर बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग किया है.
बताते चलें कि दधिचि देह दन समिति के चीफ पैट्रन सुशील कुमार मोदी हैं. सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद इसके अध्यक्ष हैं. 74 साल की हरजीत कौर की तबियत खराब होने के बाद पटना के अशोका हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया था लेकिन 15 दिसंबर को उनका निधन हो गया. हरजीत कौर ने पहले ही अपना आंखें दान कर रखी थीं. हरजीत कौर की मौत के बाद जब आंखों का कार्निया लेने आईजीआईएमएस आई बैंक की टीम हॉस्पीटल पहुंची तब हॉस्पीटल मैनेजमेंट ने आई बैंक की टीम को अपना ऑपरेशन थियेटर देने से इंकार कर दिया.
इतना ही नहीं हॉस्पीटल प्रबंधन ने डेड बॉडी को हॉस्पीटल से बाहर कर दिया. मजबूरन आई बैंक की टीम को हॉस्पीटल के बाहर एंबुलेंस में अंगदान की प्रक्रिया पूरी करनी पडी. अस्पताल के इस कारनामे के बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी मामले को संज्ञान में लिया है. पटना सिविल सर्जन ने घटना की जांच के लिए एक टीम बनाई है , जिसमे डॉक्टर और एडीएम स्तर के अधिकारी हैं. सिविल सर्जन ने कहा कि जांच टीम हर पहलुओं को देखेगी यदि यह मामला सही है तो अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी.
नेत्रदान कराने से इनकार करने के मामले में राजेंद्र नगर स्थित अशोका हॉस्पिटल के प्रबंधन ने कहा कि इस तरह की कोई घटना नहीं घटी है. नेत्रदान कराने से अस्पताल प्रबंधन ने मना नहीं किया है. आज सरकार की तरफ से एक जांच टीम भी अस्पताल में जांच करने आई थी.