बेगूसराय. नीतीश सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. उनके और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के खिलाफ चल रहे आर्म्स एक्ट के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मुंशीलाल गौतम ने फैसला नहीं सुनाया. हालांकि मुकदमा के फैसले पर निश्चित रहने के कारण पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा न्यायालय में सदेह हाजिर हुए थे.
बताया जाता है कि एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मुंशीलाल गौतम का दूसरे जिले में तबादला कर दिया गया है. इस कारण विशेष न्यायाधीश ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा मामले में फैसला न्यायाधीश ने अगली तारीख पर छोड़ दिया है. मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा ने कहा कि मामले में फैसला नहीं होने की मुख्य वजह एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश मुंशीलाल गौतम का दूसरे जिले में तबादला हो जाना रही. उन्होंने कहा कि अब यह मामला तब तक लंबित चलेगा जबतक एमपी एमएलए न्यायालय में किन्हीं विशेष न्यायाधीश का पदस्थापना नहीं हो जाता है. अगली सुनवाई 16 जनवरी 2023 को रखी गई है.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह जांच के दौरान सीबीआइ के डीएसपी ने मंजू वर्मा के घर में रखी पेटी से 50 जिंदा कारतूस जब्त किया था. इसके बाद इस कारतूस को सीबीआई की टीम द्वारा चेरिया बरियारपुर पुलिस थाने को सुपुर्द कर दिया गया. वहीं, इसी थाने में बिहार सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के खिलाफ आर्म्स एक्ट का मामला 143/2018 दर्ज कराया था.
जदयू नेत्री मंजू वर्मा जब बिहार सरकार में समाज कल्याण विभाग की मंत्री थीं. तभी, इनकी नाक के नीचे बालिका गृह कांड घटित हुआ था, जहां 34 लड़कियों के साथ दुराचार की घटना घटी थी. इस कांड के उजागर होने के बाद मंजू वर्मा पर इस्तीफे का दबाव बना और आखिरकार उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना भी पड़ा था. इस पूरे मामले में कथित रूप से मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा के भी शामिल होने की बात सामने आयी थी.