पटना . बिहार में बिना पहचान पत्र वाले लोगों के भी टीकाकरण करने की तैयारी की गयी है. ऐसे लोगों को टीका देने के लिए जिलों में टास्क फोर्स गठित कर टीकाकरण करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में कार्रवाई आरंभ कर दी है.
राज्य में शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए बिना पहचान पत्र वालों को भी शामिल किया जाना है. जुलाई महीने से हर माह एक करोड़ लोगों के टीकाकरण अभियान को गति दी जानी है. अभियान की सफलता और लक्ष्य हासिल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग विस्तृत कार्य योजना तैयार कर रहा है.
इसी कड़ी में यह तय हुआ है कि जिनके पास पहचान पत्र नहीं है, वह भी टीकाकरण से वंचित नहीं रहें. इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए विभाग ने जिलों की टास्क फोर्स को सक्रिय कर दिया है.
स्वास्थ्य विभाग ने जिलाधिकारियों को इस संबंध में एक पत्र भी भेजा गया है. इसमें निर्देश दिया गया है कि जिला टास्क फोर्स अपने जिले में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वैसे लोगों की पहचान करे, जिनके पास कोई पहचान पत्र नहीं.
इस कार्य में अल्पसंख्यक कल्याण, सामाजिक न्याय और समाज कल्याण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं से मदद लेने की सहूलियत भी टास्क फोर्स को दी गयी. विभाग ने स्पष्ट किया है कि साधु, संत, जेल में बंद कैदी या अस्पतालों में इलाज करा रहे मानसिक रोगी, वृद्धाश्रम या पुनर्वास केंद्रों में रह रहे लोगों के साथ भिखारियों के पास अमूमन पहचान पत्र नहीं होता है.
टीकाकरण के लिए सात पहचान पत्र मान्य हैं. आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड और फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज.
Posted by Ashish Jha