बक्सर रेल हादसे की पहली जांच रिपोर्ट : पटरी में थी खराबी, तेज झटके के कारण बेपटरी हुई नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस
बिहार के बक्सर जिले में बुधवार रात हुए हादसे में कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी और 78 लोग घायल हो गये. छह रेलवे अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि यह दुर्घटना पटरी में खराबी के कारण हुई.
पटना/ नयी दिल्ली. दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस बुधवार की रात रघुनाथपुर प्लेटफॉर्म की सीमा में ही पटरी से उतर कर तीन टुकड़ों में बंट गयी थी. पटरी से उतरने का संभावित कारण पटरी में खराबी थी. सूत्रों ने गुरुवार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह जानकारी दी. बिहार के बक्सर जिले में बुधवार रात हुए हादसे में कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी और 78 लोग घायल हो गये. छह रेलवे अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि यह दुर्घटना पटरी में खराबी के कारण हुई. यात्री डिब्बों की स्थिति का उल्लेख करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी 22 डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गये थे. इनमें से दो पूरी तरह पलट गये और दो अन्य भी क्षतिग्रस्त हो गये. वहीं दूसरी ओर संयुक्त प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि रघुनाथपुर रेल हादसा इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही से हुआ. पायलट और असिस्टेंट पायलट नशे में नहीं थे. घटना के पीछे ट्रैक की गड़बड़ी सामने आयी है. दुर्घटना के बाद गठित संयुक्त जांच कमेटी ने बाद ट्रेन मैनेजर (गार्ड) विजय कुमार, ऑनड्यूटी स्टेशन मास्टर नित्यांनद कुमार, प्वाइंटमैन विशाल कुमार, गेट मैन नंदकिशोर सिंह, लोको पायलट बिपिन कुमार और असिस्टेंट लोको पायलट राजेश कुमार का बयान लिया गया. इसके आधार पर पाया कि हादसे के बीच ट्रैक में गड़बड़ी है. घटना के बाद लंबी दूरी तक ट्रैक भी टूटा पाया गया है. सीआरएस की जांच अभी जारी है ऐसे में रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद रेल मंडल व जोन के कई अफसरों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
रेलवे को हुआ 52 करोड़ 20 लाख रुपये का नुकसाननार्थ इस्ट ट्रेन हादसे में रेलवे को करीब 52 करोड़ 20 लाख से अधिक रुपये का नुकसान हुआ है. इनमें 21 कोच के अलावा अन्य राशि को जोड़ का आंकड़ा जारी किया गया है. यह आंकड़ा निरीक्षण को आये सीआरएस व रेलवे बोर्ड की संयुक्त टीम ने जारी किया है.
हादसे में लोको पायलट (चालक) विपिन कुमार सिन्हा आंशिक रूप से घायल हो गये और उनके सहायक को गंभीर चोटें आईं. लोको पायलट सिन्हा ने कहा है कि ट्रेन 128 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रघुनाथपुर स्टेशन से गुजरी, लेकिन स्टेशन को पार करने के तुरंत बाद उसे पीछे से एक गंभीर झटका लगा. प्रारंभिक रिपोर्ट में लोको पायलट के हवाले से कहा गया है कि अत्यधिक कंपन और गंभीर झटके के परिणामस्वरूप, ब्रेक पाइप का दबाव अचानक कम हो गया और ट्रेन रात 9:52 बजे पटरी से उतर गयी. सिन्हा के बयान के मुताबिक रात 8:27 बजे दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन से जब ट्रेन की कमान संभाली, ताे उस समय सब कुछ ठीक था. ट्रेन रात 9:29 बजे बक्सर पहुंची तो सहायक लोको पायलट ने दोबारा इंजन की जांच की और सब कुछ ठीक पाया.
पहियों के पास से चिंगारी निकलती दिखी : गेटमैनरिपोर्ट में रघुनाथपुर स्टेशन के एक गेटमैन और एक प्वॉइंटमैन के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने ट्रेन के पहियों के पास से चिंगारी निकलती देखी. एलसी (लेवल क्रॉसिंग) गेट नंबर 59बी के गेटमैन के बयान के अनुसार, ट्रेन नंबर 12506 गेट से गुजरी और 8-10 डिब्बे गुजरने के बाद उसने चिंगारी देखी और भारी शोर सुना. रिपोर्ट में लोको पायलट और उसके सहायक का ‘ब्रेथ एनालाइजर’ परीक्षण नकारात्मक बताया गया.
रेल दुर्घटना में चार की मौत, 78 घायल, तीन को आपदा विभाग ने दिया चार-चार लाखआपदा प्रबंधन विभाग ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बक्सर के रघुनाथपुर में बुधवार की रात हुई ट्रेन दुर्घटना में चार लोगों की मौत हुई है. वहीं, 78 यात्री घायल हुए है. जिसमें बिहार के 26, पश्चिम बंगाल के 23 यूपी के 11, असम के छह, एमपी तीन, हरियाणा दो, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और त्रिपुरा स एक-एक अन्य चार लोगों का पता लगाया जा रहा है. वहीं, 29 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद घर पहुंचा दिया गया है. चार मृतकों की पहचान परिजनों ने कर लिया है. मरने वालों में असम दो, बिहार एक और राजस्थान से एक है. इनमें से तीन को आपदा प्रबंधन विभाग ने चार-चार लाख का मुआवजा दे दिया है. विभाग ने कहा कि घटना स्थल पर एसडीआरएफ कमांडेंट सहित तीन टीमों में शामिल 60 जवानों ने का किया. एसडीआरएफ की तीन टीम मौजूद थी. साथ ही, सभी घायलों को घटना स्थल से नजदीक के अस्पतालों एवं एम्स, पीएमसीएच पटना सहित सात अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है.
रेलवे की ओर से मृतकों के परिजन को 10 लाख व घायलों को 50 हजाररघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास नार्थ इस्ट एक्सप्रेस में हादसे के दौरान मृत व घायल परिजनों को रेलवे की ओर से मुआवजा की राशि देन की घोषणा की गयी है. इनमें मृत यात्री के परिजनों को 10 लाख व घायल हुए यात्रियों को 50 हजार रुपये मुआवजा के तौर पर राशि दी जायेगी. वहीं पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि हादसे में कुल चार लोगों की मौत हो गयी है. जबकि 30 लोग घायल हैं. इनमें 25 यात्रियों को कम चोंटे लगी हैं, जबकि बाकी पांच यात्री गंभीर रूप से घायल हैं. जिनका इलाज चल रहा है. इनमें ट्रेन के ड्राइवर असिस्टेंट लोको पायलट राजेश कुमार का भी इलाज पटना एम्स अस्पताल में चल रहा है. चोट अधिक आने की वजह से सभी रेलवे यात्रियों के साथ-साथ लोको पायलट को भी पटना एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ट्रेन को राजेश के अलावा लोको पायलट बीके सिन्हा और गार्ड बिजय कुमार लेकर आ रहे थे. तीनों रेलवे कर्मियों ने दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन पर चार्ज लिया था. घटना स्थल पर दानापुर मंडल के डीआरएम जेके चौधरी सहित कई उच्च अधिकारी पहुंचे.
राहत कार्य का रेल मंत्रालय सीधा प्रसारण देख रहा थानॉर्थ इस्ट एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गुरुवार की सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था. सुबह आठ बजे रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया. रातभर से मौजूद अधिकारियों से घायलों की स्थिति और मृतकों के बारे में जानकारी ली. पहले रेल मंत्री के आने की खबर थी. लेकिन, बाद में बताया गया कि रेल मंत्रालय से ही राहत बचाव कार्य की मॉनीटरिंग की जा रही है. घटनास्थल से राहत कार्य का लाइव प्रसारण रेल मंत्रालय के अधिकारी देख रहे थे. इस बीच ड्रोन से भी पिक्चर और वीडियो रेल मंत्रालय और वरीय अधिकारियों को भेजा जा रहा था.
देर रात तक परिचालन शुरू नहीं हुआ, आज से शुरू हो सकती है सेवाट्रेन हादसे की वजह से रेल परिचालन पर बुरा असर पड़ा. यात्रियों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ा. गुरुवार की देर रात तक दानापुर बक्सर लाइन पर परिचालन शुरू नहीं हो पाया. उम्मीद जतायी जा रही है कि शुक्रवार की सुबह तक परिचालन को दुरुस्त कर लिया जायेगा. वहीं पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने कहा कि रात तक ट्रैक को दुरस्त करने का कार्य जारी है. विशेष टीम लगायी गयी है. जल्द ही परिचालन व्यवस्था ठीक कर ली जायेगी. वहीं, मामले की जांच को लेकर उन्होंने बताया कि हादसे की जांच रेलवे बोर्ड के उच्च अधिकारियों द्वारा की जा रही है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
दानापुर मंडल के रघुनाथपुर स्टेशन के पास नार्थ-इस्ट एक्सप्रेस में हुए भीषण हादसे में चार लोगों की जान चली गयी और करीब 70 से अधिक लोग घायल हुए. मगर, हादसा जितना बड़ा था, उस हिसाब से बहुत अधिक जानें नहीं गयीं. इलेक्ट्रिकल विद्युत विभाग कार्यालय अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि इस ट्रेन में कोच एलएचबी नहीं लगे होते तो मृतकों और घायलों का आंकड़ा और बढ़ जाता. उन्होंने बताया कि ट्रेनों में दो तरह के कोच लगते हैं एक एलएचबी और दूसरा आइसीएफ कोच होता है. दोनों कोच के निर्माण में तकनीक का अंतर होता है.
ट्रेन टक्कर के बाद सीधे खड़े हो जाते हैं एलएचबी कोचसुनील सिंह ने बताया कि लिंक हॉफमेन बुश (एलएचबी) कोच को बनाने की फैक्ट्री कपूरथला, पंजाब में है और सबसे पहले कोच 2000 में तैयार किया गया था. एचएलबी कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक होते हैं. दुर्घटना की स्थिति में ये कोच कम क्षतिग्रस्त होते हैं और यात्रियों के सुरक्षित रहने की संभावना अधिक रहती है. तेजस राजधानी, शताब्दी और दुरंतो सहित कई प्रमुख ट्रेनों में एलएचबी कोच ही लगाये गये हैं. दुर्घटना के दौरान कोच एक दूसरे से टकराने के बाद सीधे खड़े होते हैं और फिर अपनी स्थिति में लौट आते हैं. एक ट्रेन में अधिकतम 22 कोच ही लग सकते हैं. ये स्टेनलेस स्टील की वजह से हल्के होते हैं. इसमें डिस्क ब्रेक का प्रयोग होता है. इसके रखरखाव में कम खर्च होता है. इसमें बैठने की क्षमता ज्यादा होती है स्लीपर में 80, 3 एसी 72 होते हैं.
पांच मिनट के लिए प्लेटफॉर्म धुआं से भर गया था
राहत कार्य में जुटे अजय कुमार ने बताया कि आधे घंटे पहले चार नंबर प्लेटफॉर्म से मालगाड़ी गुजरी थी. वे तब चार नंबर प्लेटफॉर्म पर अपने दोस्तों के साथ टहल रहे थे. अचानक तेज आवाज हुई और आसमान में आग की चिंगारी के साथ कुछ देर के लिए धुआं फैल गया. इसके बाद वे लोग दौड़कर गये. चीख-पुकार मची थी. दरवाजा नहीं खुल रहा था. सीढ़ी लाकर ऊपर से यात्रियों को निकाल कर पहले प्लेटफॉर्म पर बैठाया गया. इसके बाद एंबुलेंस से अस्पताल के लिए भेजा गया.
किसी के पैर में चोट थी, किसी का सिर फट गया था
रघुनाथपुर के भरत शर्मा ने बताया कि घटना की सूचना पर वे रात दस बजे स्टेशन पहुंच गये थे. यहां आकर ट्रेन में फंसे यात्रियों को बचाने में जुट गये. ट्रेन के अंदर किसी का सिर फूट गया था तो किसी के पैर में चोट आयी थी.
गर्दन व पीठ में लगी है चोट
सिराजुल इस्लाम असम निवासी हैं उनके भाई बाबुल इस्लाम ने बताया कि सिराजुल को गर्दन और पीठ में गंभीर चोट लगा है और उनका इलाज पटना एम्स में चल रहा है उन्होंने बताया कि उन लोगों के साथ 14 लोग साथ में ट्रेन पद यात्रा कर रहे थे यह लोग रेलवे में निजी रूप से टेंट पंडाल पेंट आदि काम कराने का काम करते हैं. बाबुल ने बताया कि सिराजुल को गंभीर चोट लगा है जबकि उनके साथ रहे अपने अन्य लोगों को भी चोट लगा लेकिन उन्हें मामूली चोट लगी है. वह लोग अभी उसके ठीक होने के इंतजार में पटना एम्स में जमे हुए हैं.
बक्सर जिले के रघुनाथपुर में दुर्घटनाग्रस्त नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस डुमरांव में भीषण रेल हादसे की याद ताजा करा गयी. लगभग 61 साल पहले 26 जुलाई 1962 को डुमरांव रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी से पंजाब मेल टकरा गयी थी. इस हादसे में लगभग 138 लोगों की मौत हो गयी थी. ट्रैक पर मालगाड़ी खड़ी रहने के बावजूद इसी ट्रैक से पंजाब मेल के पास करने का सिग्नल दे दिया गया था. तब पंजाब मेल डुमरांव में नहीं रूकती थी. इस कारण थ्रू ट्रेन सिग्नल होने के बाद तेज गति से आकर डुमरांव में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गयी थी.
पांच से छह डब्बे मालगाड़ी पर चढ़ गये थेहादसे के बाद इलाका यात्रियों के खून से लाल हो गया था. रात के करीब साढ़े दस बजे यात्रियों की चीख-पुकार से इलाका कांप गया था. पंजाब मेल के लगभग पांच से छह डब्बे मालगाड़ी पर चढ़ गये थे. कई शव क्षत-विक्षत हो गये थे. स्टेशन के आसपास के घरों में भी कई शव जाकर गिरे थे. ट्रेन टकराने की आवाज डुमरांव रेलवे स्टेशन से लेकर भोजपुर, डुमरांव बाजार तक पहुंची थी. इसकी आवाज सुनकर सभी बचाव कार्य में जुट गये थे.
तब लालटेन फैक्ट्री के मजदूरों ने संभाला था मोर्चाहादसे के बाद चीख-पुकार के बीच लालटेन फैक्ट्री के मजदूर देवदूत के रूप में उभरकर सामने आये थे. लालटेन फैक्ट्री स्टेशन के पास ही थी. फैक्ट्री के मजदूरों ने लोहा काटने के औजार से बोगियों को मजदूरों ने काटा था. तब जाकर बोगियों से यात्री निकाले गये थे. लालटेन फैक्ट्री अब काफी समय पहले की बंद हो गयी है.
उत्तर प्रदेश का बीएसएफ जवान छुट्टी बिताकर जा रहा था ड्यूटीबक्सर के रघुनाथपुर के पास हुए ट्रेन हादसे में उत्तर प्रदेश का रहने वाले बीएसएफ जवान असम में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने जा रहा था. वह भी इस हादसे का शिकार हो गया. जिसका इलाज पटना एम्स में किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के वीरायमपुर गांव निवासी रवि कुमार के पिता विश्राम सिंह ने बताया कि बेटे के रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया है. उनके साथ रवि का छोटा भाई सुशील कुमार और यूपी पुलिस में जवान बहनोई अस्पताल पहुंचे हुए थे. बीएसएफ जवान रवि कुमार की हालत को देख उनके पिता भाई-बहन परिजन का अभी रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है. उन लोगों को लगातार अपने परिवार वालों से मोबाइल पर बातचीत करते और रोते फफकते हुए देखा गया.
रेल हादसों को कम करने पर केंद्र सरकार ध्यान दे : सीएमस्व डॉ राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रेल हादसों को कम करने को लेकर कहा कि केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिये. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय में केंद्र सरकार में मैं रेल मंत्री था. उस दौरान मैंने रेलवे में एक-एक काम बढ़िया से करवाया था जिसकी वजह से रेल हादसों में काफी कमी आई थी. उन्होंने केंद्र की तरफ इशारा करते हुये कहा कि उनलोगों को भी इसपर ध्यान देना चाहिए.
पत्रकारों द्वारा बक्सर रेल हादसे को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत ही दुखद है. जैसे ही मुझे इस हादसे के बारे में पता चला मैंने अधिकारियों से पूरी जानकारी ली. रात में सारे अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत का कार्य शुरू हुआ. चार लोगों की मौत हुई है. एक मृतक का संबंध बिहार से है. हम सबलोगों को मदद करनेवाले हैं. मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये दिए जाएंगे. केंद्र सरकार को भी यह देखना चाहिए. जैसे ही मुझे पता चला मैंने सारे अधिकारियों को रात में ही मौके पर भेजा और स्थिति की पूरी जानकारी ली. आपदा प्रबंधन कार्यालय भी रातभर खुला हुआ था.
राज्य सरकार करायेगी घायलों का इलाजसीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इस दुखद घटना से मर्माहत हैं. उन्होंने इस हादसे में मृत लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. साथ ही दुख की इस घड़ी में मृतक के शोक संतप्त परिजनों को धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है. मुख्यमंत्री ने इस घटना में मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेन दुर्घटना में घायल सभी यात्रियों का राज्य सरकार अपने तरफ से इलाज करायेगी. उन्होंने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ द्वारा तत्परता से की गई कार्रवाई की सराहना की. साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों को भी यात्रियों की सहायता के लिये धन्यवाद दिया. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि यात्रियों को किसी तरह की कोई दिक्क्त नहीं हो, जिसके लिए उन्हें हर तरह की सहायता मुहैया करायी जाये. मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी ईश्वर से कामना की है.
रेल दुर्घटना पर नहीं होनी चाहिए राजनीति : सम्राटभाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने रघुनाथपुर में नार्थ इस्ट एक्सप्रेस के हादसे में चार लोगों की मौत पर शोक संवेदना जताते हुए कहा कि दुर्घटना के बाद ही रेलवे ने तत्काल राहत और बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया. घटनास्थल से लौट कर सम्राट ने कहा कि कोई भी हादसा दुखदाई होता है, लेकिन इस हादसे पर भी राजनीति की जा रही है. घटना के 12 घंटे के बाद नीतीश कुमार ने इस हादसे को लेकर संवेदना व्यक्त की और अब वे नसीहत दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि रेलवे ने तत्काल हादसे में मरने वाले आश्रितों को 10 -10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिये.
तोड़-फोड़ की आशंका की भी जांच जरूरी : सुशील मोदीपूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बक्सर रेल दुर्घटना की जांच का आदेश दे दिया गया है. इससे पता चलेगा कि यह हादसा किसी तकनीकी गलती से हुआ या इसके पीछे तोड़-फोड़ करने वाली ताकतों का हाथ है. उन्होंने कहा कि रेलवे और वंदे भारत एक्सप्रेस को निशाना बनाने की घटनाओं के बीच तोड़ फोड़ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. इस एंगल से भी जांच होनी चाहिए. श्री मोदी ने नार्थ इस्ट ट्रेन के बेपटरी होने से चार लोगों की मृत्यु पर शोक प्रकट किया और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
राज्यपाल ने व्यक्त की संवेदनाराज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दानापुर मंडल के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में हुई लोगों की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने इस ट्रेन दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.
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प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने रघुनाथपुर में हुए रेल हादसे में मारे गये लोगों के प्रति गहरी शोक संवेदना जतायी है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने रघुनाथपुर रेल दुर्घटना में मारे गये लोंगो के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार में बढ़ती रेल दुर्घटना चिंताजनक है. उन्होंने घायलों की उचित इलाज और मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा तत्काल देने की मांग की.
ईश्वर शोक संतप्त परिवारों को पीड़ा सहने की शक्ति दे : ललन
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह लोकसभा सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने गुरुवार को ट्वीट कर रघुनाथपुर रेल हादसे पर दुख जताया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि दिल्ली से कामाख्या जा रही नाॅर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के रघुनाथपुर, बिहार में दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर सुनकर मन व्यथित है. बिहार सरकार राहत और बचाव कार्यों में तत्परता से लगी हुई है. मैं ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना करता हूं कि शोक-संतप्त परिवारों को इस असहनीय पीड़ा को सहने की शक्ति, दिवंगत आत्माओं को चिरशांति और घायलों को अतिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करे.
सुरक्षा मानकों में कटौती के कारण बढ़ रही दुर्घटना : माले
भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने रघुनाथपुर स्टेशन के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना सुरक्षा मानकों में लगातार हो रही कटौती का नतीजा है. प्राप्त सूचना के अनुसार एक पटरी से दूसरी पटरी पर जाते हुए ज्वायंट पर यह दुर्घटना हुई. पटरियां पुरानी हैं, पूरा सिस्टम पुराना है, कर्मियों की बहाली की बजाए लगातार छटनी की जा रही है; ऐसे में ऐसी दुर्घटनाओं के लिए पूरी तरह से केंद्रीय सरकार की ही जिम्मेवारी बनती है.
भाकपा ने रेल दुर्घटना पर दुख जताया
भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने बक्सर के रघुनाथपुर में हुई रेल दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. दिल्ली से कामख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस रेल दुर्घटना में चार यात्रियों की मौत हो गई और 100 से अधिक गंभीररूप से घायल हैं. पांडेय ने कहा कि इस दुखद घटना के लिए रेलवे मंत्रालय जिम्मेवार है. दिल्ली से कामख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन की 21 बोगियां पटरी से उतर गई. इससे स्पष्ट होता है कि रेलवे द्वारा पटरी के रख-रखाव और देखभाल में लापरवाही बरती जा रही है.
बक्सर-आरा के बीच रघुनाथपुर के पास बुधवार की देर रात नॉर्थ इस्ट एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गुरुवार को पटना जंक्शन पर यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. हादसे के बाद पटना जंक्शन व इस रूट पर चलने वाली कई ट्रेनों को कैंसिल व डाइवर्ट कर दिया गया था. इस कारण जंक्शन पर सुबह से ही काफी भीड़ हो गयी. हजारों यात्री ट्रेनों के बारे में अपडेट जानकारी के अभाव में जंक्शन पर पहुंचे और अपनी यात्रा के बारे में जानकारी लेने के लिए परेशान रहे. वहीं, हादसे के कारण पटना जंक्शन पर भी कई ट्रेनें खड़ी थीं. गुरुवार को यात्रियों की भीड़ के कारण जंक्शन अस्त-व्यस्त हो गया था.
पैसेंजर ट्रेनों का सहारा, यात्री उलझेज्यादातर ट्रेनों के डायवर्ट और कैंसिल होने के कारण लोगों को पैसेंजर ट्रेन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी. प्लेटफॉर्म संख्या आठ, नौ व 10 पर लोगों की भीड़ अधिक थी. यहां से चलने वाली पैसेंजर ट्रेन जसीडीह व सहरसा तक चल रही है. यही वजह है कि लोग ट्रेन का नंबर और रूट देखे बिना ही सीटों पर कब्जा करने में लगे थे. पैसेंजर ट्रेन में चढ़ने के लिए यात्री एक-दूसरे से उलझ रहे थे. वहीं, करीब दो बजे गया से आने वाली ट्रेन जब पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या नौ पर रुकी, तो भीड़ अधिक होने के कारण लोगों के बीच धक्का-मुक्की होने लगी. पटना जंक्शन पर ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. पूछताछ केंद्र व टिकट काउंटर के पास लगातार लोगों का जमावड़ा लगा रहा. इनमें से कई लोग ट्रेन डायवर्ट रहने से भी परेशान होकर कभी हेल्प डेस्क तो कभी टिकट काउंटर का चक्कर लगाते रहे.
यात्री रहे परेशानपटना से गया जाने के लिए 11 बजे से ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन एक भी एक्सप्रेस ट्रेन नहीं है. पैसेंजर ट्रेन में भीड़ बहुत ज्यादा हो गयी है और बुजुर्ग व्यक्ति के लिए ट्रेन में चढ़ना काफी परेशानी भरा है. दो बजे तक एक्सप्रेस ट्रेन कन्फर्म नहीं हुई है. -बीएन सिंह, यात्री
ट्रेन डायवर्ट होने से परेशान हूं. करीब 12 बजे सूरत एसएफ एक्सप्रेस में टिकट कराया लेकिन डेढ़ बजे तक ट्रेन नहीं आयी. टिकट काउंटर में जानकारी मिली कि ये ट्रेनें किऊल जंक्शन से डायवर्ट हो गयी हैं. आठ बजे के बाद हमसफर एक्सप्रेस से जाना होगा. -स्मिता कुमारी, यात्री
इमरजेंसी में दिल्ली जाना है. ऐसे में विक्रमशिला एक्सप्रेस में 1200 रुपये में तत्काल टिकट लिया. अब न तो टिकट का पैसा वापस मिल रहा है और न ही ट्रेन में यात्रा कर पा रहा हूं. सभी ट्रेनों को किऊल और मुगलसराय से डायवर्ट किया गया है. -कुणाल कुमार, पटना
ट्रेन नहीं मिलने से काफी परेशान हूं. पिंडदान कर गया से पटना जंक्शन पहुंची हूं. अपने छह परिजनों के साथ गया से पैसेंजर ट्रेन में आयी. लेकिन फरक्का एक्प्रेस नहीं आने से घंटों तक इंतजार कर रही हूं. -गीता गुप्ता, मालदह