पटना में अब तक नहीं हुआ एक भी डीजल ऑटो का CNG में कन्वर्जन, 30 सितंबर तक बंद होना है परिचालन
पटना शहर से डीजल चालित ऑटो का परिचालन समाप्त होने की समय सीमा पूरी होने में केवल दो महीने बचे हैं पर अब तक एक भी डीजल आॅटो का कन्वर्जन नहीं हुआ है. वर्ष 2019 में सरकार के लिए गये निर्णय के अनुसार 31 जनवरी 2021 तक पटना शहर और 31 मार्च 2021 तक पूरे पटना जिले से डीजल चालित ऑटो को बाहर कर दिया जाना था.
पटना. पटना शहर से डीजल चालित ऑटो का परिचालन समाप्त होने की समय सीमा पूरी होने में केवल दो महीने बचे हैं पर अब तक एक भी डीजल आॅटो का कन्वर्जन नहीं हुआ है. वर्ष 2019 में सरकार के लिए गये निर्णय के अनुसार 31 जनवरी 2021 तक पटना शहर और 31 मार्च 2021 तक पूरे पटना जिले से डीजल चालित ऑटो को बाहर कर दिया जाना था.
बीते जनवरी में 31 तारीख तक लक्ष्य के पूरा होने की कोई संभावना नहीं देख कर परिवहन विभाग ने समय सीमा को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया. लेकिन अब जब इस समय सीमा के समाप्त होने में लगभग दो महीने ही बचे हैं, एक भी डीजल ऑटो का सीएनजी कन्वर्जन नहीं हुआ है.
जिले के 900 आॅटो का सीएनजी किट लगा कर कन्वर्जन हुआ है, लेकिन ये सारे पेट्रोल चलित ऑटो ही हैं. ऐसे में 30 सितंबर तक पटना शहर से डीजल चालित ऑटो के बाहर निकलने की कोई संभावना नहीं दिख रही है.
70 हजार का खर्च और केवल 40 हजार मिल रहा अनुदान
ऑटो चालकों की मानें तो डीजल ऑटो के सीएनजी कन्वर्जन में 70 हजार रुपये का खर्च पड़ता है. इसमें 35 हजार सीएनजी किट का दाम है जबकि 35 हजार उसे लगवाने के लिए जरूरी उपकरणों और फीटिंग की कीमत के रूप में देना पड़ता है.
बाजार में कुछ दिनों पहले तक डीजल ऑटो के कन्वर्जन में इस्तेमाल होने वाले किट की कमी भी थी. हलांकि अब यह दूर हो गयी है. लेकिन कुल खर्च अनुदान से लगभग दोगुना होने के कारण ऑटो चालक इसके लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं.
काम के बाद अनुदान मिलने में देरी भी एक वजह है, जिससे ऑटो चालक अपने स्रोत से पैसे की व्यवस्था कर कन्वर्जन करवाने से बच रहे हैं. विदित हो कि जिन 900 पेट्रोल चालित ऑटो चालकों ने अपने ऑटो का कन्वर्जन अब तक करवाया है, उनमें से भी लगभग 250 को ही अनुदान मिला है और बाकी का अावेदन लंबे समय से डीटीओ में प्रक्रिया पूरी करने में ही लगा है.
Posted by Ashish Jha