समय पर हर्निया का इलाज न कराना बुजुर्ग को पड़ा भारी, देवदूत बन डॉक्टर ने बचाई जान
Medical: हर्निया का सही समय पर उपचार न कराना एक मरीज को काफी महंगा पड़ गया.
यदि आप लंबे समय से हर्निया नामक बीमारी से पीड़ित है तो उसका उपचार तुरंत करवा ले. ऐसा न करने से आपको गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल एक मरीज राम चिरोंजी को समय पर हर्निया का इलाज न कराना भारी पड़ गया. परिजनों ने बताया कि 70 साल के बुजुर्ग को पिछले 1 साल से हर्निया की शिकायत थी लेकिन इनकी हालत अचानक बहुत तेज खांसी आने के कारण और भी गंभीर हो गई. हर्निया इतनी बड़ी थी कि आंत का आधा हिस्सा अंडकोष में आ गया था. मरीज को तुरंत इमरजेंसी ऑपरेशन के लिए ले जाया गया . मेडिकल हिस्ट्री और ऑपरेशन के दौरान पता चला की आंत अंडकोष में पूरी तरह से दो अलग अलग जगह पे एकदम अलग हो गई है. जो की मरीज को ज्यादा खांसी आने की वजह से हुआ.
आंत का काफी हिस्सा निकालकर बचाई गई मरीज की जान- डॉ संजय कुमार
रेलवे चिकित्सालय प्रयागराज के डॉ संजय कुमार ने बताया कि चिकित्सा साहित्य के अनुसार आम तौर पर आंत में छेद होना हर्निया के जटिलता में आता है. लेकिन खांसी के बाद आंत को दो जगह के एकदम अलग हो जाना बहुत ही दुर्लभ केसों में ही मिलता है. चिकित्सा साहित्य में इस तरह का केस 2013 में हकमान द्वारा यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में रिपोर्ट किया गया था. मरीज के आंत का काफी हिस्सा और वृषण को निकाल कर मरीज की सफलता पूर्वक जान बचाई गई. मरीज एवं रिश्तेदारों जो पूरी तरह से उनके जीवित होने के आशा खो दिए थे उनके हर्षो-उल्लाष की कोई सीमा न रही जब राम चिरोंजी को सफलता पूर्वक दिनाक 09.11.2024 को सकुशल हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई. इस ऑपरेशन के दौंरान निश्चेतक डॉ० अलोक यादव, डॉ० एन.पी.मिश्रा, हाउस सर्जन डॉ प्रगति पाण्डेय, सिस्टर- मंजू सोनकर, प्रीती ड्रेसर अमित शुक्ला, सहायक असिस्टें-राजेंद्र तिवारी, रेखा सिंह, मूलचंद आदि उपस्थित रहे. चिकित्सा निदेशक, डॉ० संजीव हन्डू ने इस कार्य के लिए पूरी टीम को बधाई दी.
डॉ संजय कुमार ने बताया हर्निया से बचने का उपाय
ऑपरेशन की सफलता के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए वरिष्ठ सर्जन डॉ संजय कुमार ने आम जनमानस को हर्निया से बचने का उपाय बताया. उन्होंने बताया कि हेर्निया के दो मुख्य प्रकार हैं.
1. रिड्यूसिबल हर्निया (Reducible Hernia)
इस प्रकार के हर्निया में, आंत्र का हिस्सा पेट के बाहर निकल जाता है, लेकिन इसे आसानी से पेट के अंदर वापस लाया जा सकता है. यह हर्निया अक्सर दर्द रहित होता है और मरीज को पता भी नहीं चलता कि उन्हें हर्निया है.
2. इरिड्यूसिबल हर्निया (Irreducible Hernia)
इस प्रकार के हर्निया में, आंत्र का हिस्सा पेट के बाहर निकल जाता है और इसे पेट के अंदर वापस लाना मुश्किल होता है. यह हर्निया दर्दनाक हो सकता है और मरीज को कई समस्याएं हो सकती हैं.
इरिड्यूसिबल हर्निया के प्रकार:
– इनकार्सेरेटेड हर्निया (Incarcerated Hernia): आंत्र का हिस्सा पेट के बाहर फंस जाता है.
– स्ट्रैंगुलेटेड हर्निया (Strangulated Hernia): आंत्र का हिस्सा पेट के बाहर निकल जाता है और रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है.