पटना. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि पूरे बिहार में अराजकता का माहौल है. इसलिए अब राष्ट्रपति शासन के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया है. चिराग पासवान ने कहा कि बिहार सरकार शराब से हुई मौत के आंकड़े छुपा रही है. उन्होंने दावा किया कि मसरख समेत पूरे बिहार में पिछले एक सप्ताह के अंदर 200 से अधिक लोगों की जान जहरीली शराब से जा चुकी है.
चिराग पासवान ने कहा कि शराब के निर्माण के अवैध धंधे से जुड़े लोगों को पूरी तरह सरकार का संरक्षण प्राप्त है. इसलिए माफियाओं का मनोबल बढ़ा हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार छापेमारी का बस दिखावा करती है. आज तक सरकार और प्रशासन ने किसी शराब से जुड़े तस्करों पर कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की है. यहीं कारण है कि प्रदेशभर में अवैध जहरीली शराब का निर्माण और बिक्री धड़ल्ले से जारी है.
चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते है कि जो पीयेगा वह मरेगा और पिलाने वालों पर कार्रवाई का बात नहीं करते. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इतनी मौतें होने के बावजूद सरकार पिलाने और बेचनेवालों पर कार्रवाई करने के बदले मृतकों की संख्या छिपाने में लगी हुई है. चिराग पासवान ने कहा कि 2016 में शराब से मरने वालों को मुआवजा दिया गया, फिर इस बार मुआवजा देने से क्यों इनकार किया जा रहा है. सरकार को आज आम गरीब जनता से कोई मतलब नहीं रह गया है. ऐसे में राष्ट्रपति शासन लागू करने की केन्द्र सरकार से मैं मांग करता हूं.
इधर, महागठबंधन के सहयोगी दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने भी चुप्पी तोड़ दी है. सोमवार को जब मुआवजे को लेकर उनसे सवाल पूछा गया तो जीतन राम मांझी ने शायराना अंदाज में अपने ही सरकार पर शायरी करते हुए कहा कि लिखा परदेश किस्मत में, वतन की याद क्या करना, जहां बेदर्द हाकिम हो, वहां फरियाद क्या करना. हालांकि इसके बाद उन्होंने छपरा शराबकांड की घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि यह घटना बहुत दुखद है. ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए. बिहार सरकार सचेत है.