नासिक नहीं, अब गुजरात का प्याज पहुंचेगा बिहार, आठ रुपये तक कम हो जाएंगी कीमतें
सीमांचलवासियों को अब प्याज की कीमतें नहीं रुलाएंगी. गुलाबबाग मंडी में अब नासिक से नहीं, गुजरात से प्याज आयेगा. इतना ही नहीं अब ट्रक नहीं, रेल रैक से प्याज पहुंचने से भी कीमतें कम होंगी.
पूर्णिया. सीमांचलवासियों को अब प्याज की कीमतें नहीं रुलाएंगी. गुलाबबाग मंडी में अब नासिक से नहीं, गुजरात से प्याज आयेगा. इतना ही नहीं अब ट्रक नहीं, रेल रैक से प्याज पहुंचने से भी कीमतें कम होंगी.
कारोबारियों की मानें तो चार से पांच दिनों के अंदर गुजरात के प्याज का रैक पहुंचते ही प्याज का दाम थोक बाजार में सात से आठ सौ रुपये प्रति क्विंटल कम हो जायेगा. ऐसे में खुदरा बाजार में भी प्याज की कीमतें गिरनी तय है. महज तीन से चार दिनों में सीमांचल के लोग गुजरात के प्याज का स्वाद ले पाएंगे.
अब तक नासिक से सड़क मार्ग से पहुंचता था प्याज
प्याज कारोबारी सुरेन्द्र भगत बताते हैं कि गुजरात के गोंडल रैक प्वाइंट से 1200 टन प्याज रेल की 21 बोगियों से आ रहा है. नासिक में ब्रोकरों की मनमानी की वजह से रेलवे बैगन द्वारा प्याज नहीं आ रहा है. सड़क मार्ग से प्याज लाने में साढ़े छह सौ से सात सौ रुपये तक परिवहन व्यय लगता है, जबकि रेल मार्ग से एक तो समय कम लगता है और महज 140 रुपये प्रति क्विंटल खर्च में प्याज गुलाबबाग पहुंच रहा है.
वैसे, गुजरात में नासिक से प्याज का रेट भी सस्ता है, जिसका सीधा फायदा आम आदमी को होगा. श्री भगत ने बताया कि होली तक तकरीबन चार से पांच रैक प्याज गुलाबबाग पहुंचने की संभावना है. श्री भगत ने बताया कि गुजरात के गोंडल रेलवे स्टेशन के रैक प्वाइंट से प्याज लोडिंग में स्थानीय सांसद एवं विधायक का सहयोग सराहनीय रहा है. उनका कहना है कि गोंडल से प्याज की लोडिंग पहली बार हुई है.
अगले माह दस रैक प्याज का आवक
गोंडल से गुलाबबाग के लिए प्याज की तकरीबन दस रैक की लोडिंग होनी है. हालांकि प्याज के बड़े कारोबारी श्री भगत कहते हैं कि अभी रेलवे इंडेन बुकिंग महज एक ही की गई थी, जो अब पहुंचने वाला ही है. उन्होंने बताया कि चालू माह में तकरीबन पांच रैक और अप्रैल तक दस रैक पहुंचने की उम्मीद है.
रेल मार्ग से प्याज आने से सीमांचल के लोगों को सस्ता प्याज मिलेगा. बता दें कि प्याज के कारोबार में पटना, दरभंगा, किशनगंज, सिलीगुड़ी, गुवाहाटी, मालदा, पश्चिम बंगाल के रैक लोडरों द्वारा नासिक से प्याज लोडिंग कर ट्रक से गुलाबबाग भेजा जाता है. इसमें ट्रांसपोर्टिंग प्याज का रेट बढ़ा दिया जाता था.
महंगे सड़क मार्ग से चढ़ा रहता था प्याज का दाम
तीन सालों के बाद प्याज रेल मार्ग से आ रहा है. इस बीच सड़क मार्ग से ही प्याज आता रहा है और सड़क मार्ग से परिवहन व्यय कई गुना अधिक लग रहा था. इसी वजह से यहां प्याज हमेशा महंगा बिक रहा था. प्याज कारोबारियों की मानें तो रेल मार्ग से प्याज लाने में ट्रांसपोर्टिंग में भारी बचत होती है.
इसका लाभ आम आदमी को होता है. गुलाबबाग मंडी के थोक कारोबारियों की मानें तो गोंडल से प्याज का कारोबार नासिक का एक विकल्प है. यहां से रैक प्वाइंट से प्याज का लोडिंग जारी रही तो कोशी-सीमांचल के इलाके में प्याज हमेशा सस्ता और आम आदमी के बजट में होगा.
Posted by Ashish Jha