21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में 8 लाख से अधिक लोगों ने दबाया NOTA बटन, जानिए कहां कितने वोटरों को कोई भी प्रत्याशी नहीं आया पसंद…

बिहार में 8 लाख से अधिक मतदाताओं ने नोटा का बटन इसबार दबाया है. जानिए कहां कितने वोटरों को कोई प्रत्याशी रास नहीं आया.

NOTA In Bihar: लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम सामने आया तो बिहार की कई सीटों पर नोटा ने भी चौंकाया है. ऐसी कई सीटें हैं जहां बड़ी संख्या में वोटरों ने नोटा का बटन दबाया है. यानी इन वोटरों को उक्त क्षेत्र में उतरे कोई भी उम्मीदवार जनप्रतिनिधि के लायक नहीं लगे और उन्होंने निराश होकर नोटा का बटन दबा दिया. देशभर में इंदौर में सबसे अधिक नोटा पर वोट पड़े हैं जबकि बिहार में फिर एकबार गोपालगंज की ही जनता ने नोटा का बटन दबाया है. जबकि कई लोकसभा सीट पर इसबार तीसरे नंबर पर नोटा रहा और कई प्रत्याशियों से अधिक वोट नोटा में गए हैं.

बिहार में सर्वाधिक वोट गोपालगंज में पड़ा

गोपालगंज सुरक्षित संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव का परिणाम सुर्खियों में रहा. पिछली बार 2019 के चुनाव की तरह इस बार भी नोटा ने रिकॉर्ड बनाया. अंतर सिर्फ इतना रह गया कि पिछली 2019 के चुनाव में देशभर में सर्वाधिक नोटा को वोट गोपालगंज में मिला था, लेकिन इस बार इंदौर ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया. हालांकि नोटा ने राज्य स्तर पर इस बार भी अपना रिकॉर्ड कायम रखा. प्रदेश भर में 40 सीटों पर नोटा को सर्वाधिक वोट गोपालगंज सीट पर मिला है. हालांकि इस बार पिछली बार के चुनाव के मुकाबले गोपालगंज में नोटा को आठ हजार 797 वोट कम मिले हैं. चुनाव परिणाम के आंकड़ों पर नजर डालें, तो 2024 के चुनाव में नोटा को 42 हजार 863 वोट मिले हैं. वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में नोटा को 51 हजार 660 वोट मिले थे.

जमुई-पूर्णिया समेत अन्य सीटों पर नोटा

बिहार की अन्य सीटों की बात करें तो जमुई में नोटा पर 26,182 भागलपुर में 31803, मुंगेर में 21920 वोट, वाल्मीकिनगर में 30709 वोट शिवहर में 30168 वोट, समस्तीपुर में 32668 वोट, झंझारपुर में 35928 वोट, दरभंगा में 23904 वोट, खगड़िया में 31056 वोट पूर्णिया में 23834 वोट, सिवान में 26964 वोट, काराकाट में 21595 वोट, मधेपुरा में 32625 वोट, बांका में 34889 वोट नोटा में पड़े हैं. कई अन्य सीटों पर भी 10 से 15 हजार से अधिक वोटरों ने नोटा का बटन दबाया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसबार प्रदेश में नोटा को 2.10 प्रतिशत वोट मिले. 8 लाख 17 हजार 139 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया.

ALSO READ: बिहार ने भी दिया मायावती की पार्टी बसपा को करारा झटका, सभी 38 प्रत्याशी 3 लाख से अधिक वोटों से हारे

वोटरों की निराशा को दरकिनार कर रहे सियासी दल

प्रत्याशियों के प्रति नाराजगी को लोगों ने नोटा को अपना मत देकर इजहार किया. चार जून को चुनाव परिणाम आने के बाद नोटा ने सभी को चौंका दिया और मंथन करने पर मजबूर कर दिया. ऐसा क्यों हो रहा, किसी भी पार्टी या प्रत्याशी ने इसपर मंथन नहीं किया. चुनाव से पहले वोट बहिष्कार की खबरें इस बार भी कई सीटों पर आती रहीं. मतदान के दिन भी लोगों ने वोट का बहिष्कार किया और कई बूथों पर वोट डालने तक नहीं गये. वहीं कई सीटों पर प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी पार्टी से निराशा लोगों को रही है.

नोटा का पहली बार प्रयोग

भारत में नोटा विकल्प का पहली बार प्रयोग 2013 में चार राज्यों – छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और मध्य प्रदेश – और केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली में हुए विधानसभा चुनावों में किया गया था. राज्य चुनावों में 15 लाख से अधिक लोगों ने इस विकल्प का प्रयोग किया. लोकसभा चुनाव में नोटा का प्रचलन बढ़ा और 2019 में गोपालगंज में सर्वाधिक वोट नोटा को मिला था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें