लालू प्रसाद से नहीं होती है बात, नीतीश कुमार बोले- जातीय जनगणना पर हमसब मिलकर लेंगे फैसला
पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना पर तेजस्वी यादव का एक पत्र आया है, हम लोग जल्द ही इस मसले पर आगे बढ़ेंगे.
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर उनकी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से कोई बातचीत नहीं हुई है. पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना पर तेजस्वी यादव का एक पत्र आया है, हम लोग जल्द ही इस मसले पर आगे बढ़ेंगे.
दिल्ली में लालू प्रसाद यादव के जातीय जनगणना के दिये वक्तव्य के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि लालू प्रसाद ने क्या कहा उन्हें मालूम नहीं है. लालू प्रसाद से अभी उनकी इस मसले पर कोई बातचीत नहीं हुई है. जातीय जनगणना को लेकर उनकी पार्टी के नेता और उनके पुत्र तेजस्वी यादव समेत अन्य दूसरे लोगों ने मुलाकात हुई थी.
प्रधानमंत्री जी से भी हमलोगों ने इस मुद्दे पर मुलाकात की थी. जातीय जनगणना के मुद्दे पर केन्द्र ने निर्णय स्पष्ट कर दिया है. उसके बाद हमलोगों ने भी बहुत साफ साफ कह दिया है कि आपस में हम सब बैठक कर इस पर निर्णय लेंगे. तेजस्वी यादव ने जो चिट्ठी लिखी थी, वह उनकी पार्टी की तरफ से आया हुआ है और वह चिट्ठी रखी हुई है. हम सब एक साथ सर्वसम्मति से इस पर निर्णय लेंगे.
प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी ने खुद ही बहुत ही स्पष्टता के साथ अपनी बातें रख दी हैं. इसमें कुछ ख़ास बोलने का कोई औचित्य नहीं है. उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बारे में कौन, क्या बोलता है मालूम नहीं.
बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग मेरे इस फैसले के खिलाफ हैं और धंधेबाज चाहते हैं कि शराबबंदी कानून विफल हो जाए. हम तो प्रारंभ से ही कहते रहे हैं कि हर आदमी एक विचार का होगा, यह संभव नहीं. मनुष्य का जो स्वभाव होता है, यह सभी को मालूम हमलोग यह मानकर चलते हैं कि कुछ लोग मेरे खिलाफ रहेंगे. इसके लिए पूरा का पूरा प्रयास करना चाहिए, सबको समझाना चाहिए.
गड़बड़ी करने वालों पर कानून के मुताबिक एक्शन होना चाहिए. हमलोगों ने सात घंटे तक बैठक कर एक-एक चीजों पर चर्चा की. हमलोगों ने शुरूआती दौर में इसके लिए जो नियम-कानून बनाये हैं, इसके अलावा लगातार अभियान भी चलाते रहे हैं. हमलोगों ने अलग-अलग समय पर नौ बार इसकी समीक्षा भी की है और जितनी बातें कही गयीं उन सब चीजों पर चर्चा की गयी.
Posted by Ashish Jha