बिहार में पांच जिलों के DPO को लापरवाही बरतने के लिए भेजा गया नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला
जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (DPO) की पाठ्य पुस्तक बांटने के कार्यक्रम के प्रति उदासीनता और लापरवाही की वजह से उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. यह नोटिस राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार अरविंद सिन्हा ने जारी किया है.
बिहार के सरकारी स्कूलों में गुरुवार तक 89.72 फीसदी विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक बांट दी गयी हैं. हालांकि, दरभंगा, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, कैमूर और खगड़िया जिलों में किताब बांटने की कवायद काफी धीमी है. यह वह जिले हैं, जहां शत प्रतिशत किताबें पहुंचने के बाद भी अभी तक कम किताबें बांटी जा सकी हैं.
जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी कुमार अरविंद सिन्हा ने किताबें नहीं बाटने के इस मामले को गंभीर माना है. इन जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (DPO) की कार्यक्रम के प्रति उदासीनता और लापरवाही मानते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पत्र में लिखा गया है कि वे लोग राज्य कार्यालय को बताएं कि प्रखंड स्तर पर किताब उपलब्ध होने के बाद भी आखिर अब तक किताबें क्यों नहीं बांटी गयीं है.
बक्सर, शिवहर, अररिया, बांका और वैशाली में शतप्रतिशत बच्चों को बांटी किताबें
जानकारी के मुताबिक दरभंगा में अभी तक 59.48 प्रतिशत, भागलपुर में 67.80, पूर्वी चंपारण में 69.34 और खगड़िया में अभी तक केवल 76.73 प्रतिशत बच्चों को किताबें ही बांटी जा सकी हैं. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बिहार में बक्सर, शिवहर और वैशाली जिलों में शत प्रतिशत बच्चों को किताबें बांटी जा चुकी हैं. जमुई और मुंगेर में अब तक 99 फीसदी से अधिक किताबें बांटी गयी हैं.
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पूर्वी चंपारण के स्कूलों में अभी तक एक भी किताब नहीं बंट सकी
कुल 28 जिलों में 80 फीसदी से अधिक किताबें बांटी जा चुकी हैं. हैरत की बात है कि विशेष कारणों की वजह से पूर्वी चंपारण के स्कूलों में अभी तक एक भी किताब नहीं बंट सकी है. दरअसल यहां प्रखंड स्तर पर किताब बांटने वाली एजेंसियां अभी तक पूर्वी चंपारण किताब ही नहीं पहुंचा सकी हैं. यहां केवल 1.77 फीसदी किताबें ब्लॉक स्तर पर पहुंची हैं. वह भी बांटी नहीं जा सकी हैं.