कौशिक रंजन, पटना. राज्य में आय के अनुरूप उचित टैक्स देने वालों की संख्या टैक्स संग्रह के अनुपात में कम है. आय छिपा कर कम टैक्स जमा करने वाले सूबे में एक हजार लोगों को आयकर विभाग की तरफ से नोटिस दिया गया है. इसमें बड़ी संख्या में लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है, जबकि कई लोगों को नोटिस भेजने का सिलसिला अब भी जारी है.
इसमें मौजूदा वित्तीय वर्ष के अलावा बड़ी संख्या में छह साल तक के पुराने मामले भी शामिल हैं. यानी चार-पांच साल पहले भी जिन्होंने आय के मुताबिक गलत कम रिटर्न दायर किया है, उन्हें भी नोटिस गया है. जिन लाेगों को नोटिस दिया गया है, सबों से एक महीने के अंदर इसका जवाब जुर्माना के साथ देने को कहा गया है.
अगर इसमें किन्हीं को लगता है कि उन्होंने टैक्स ठीक या ज्यादा दिया है, तो उन्हें विभाग के समक्ष उपस्थित होकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी. जो लोग निर्धारित समय-सीमा के अंदर जुर्माना नहीं देते हैं, तो उन्हें ढाई गुना अधिक पेनाल्टी देने के साथ ही सजा भी हो सकती है.
आयकर के नये नियमों के अनुसार, नये वित्तीय वर्ष एक अप्रैल, 2021 से अब कम टैक्स देने या टैक्स में गड़बड़ी करने वाले तीन वर्ष से अधिक पुराने मामलों की जांच नहीं होगी. हालांकि, यह नियम सिर्फ 50 लाख से कम टैक्स की गड़बड़ी वाले मामलों में ही लागू होगा.
इससे ज्यादा के मामलों में कितने भी पुराने मामलों में जांच हो सकती है. पहले जांच करने की यह समय-सीमा छह साल थी. यानी टैक्स चोरी करने वाले छह साल तक के पुराने मामलों की जांच हो सकती थी, परंतु इसमें अब संशोधन करके समय-सीमा को तीन वर्ष कर दिया गया है. इसके मद्देनजर 2020-21 तक के ऐसे सभी मामलों की जांच बड़े स्तर पर इस बार की गयी है. इसके बाद एक हजार ऐसे मामले सामने आये हैं.
जांच के दौरान यह पाया गया कि बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी खरीदी गयी बड़ी या महंगी संपत्तियों या गाड़ियों की खरीद का ब्योरा ही नहीं दिया है. कुछ लोगों ने अपने परिजनों के नाम से भी संपत्ति खरीदी है, कुछ ने अपने खाते से कैश का लेन-देन करोड़ों में किया है, ऐसे ही कई तरह के मामलों में आय को कमतर बताते हुए रिटर्न दायर किया गया है. ऐसी गड़बड़ी के एक हजार के आसपास के मामलों को री-ओपन करते हुए, इन्हें नोटिस दिया गया है.
Posted by Ashish Jha