पटना. राज्य के आरक्षित वर्ग के गरीब विद्यार्थियों को 12वीं के बाद स्कॉलरशिप का लाभ तत्काल मिल सकेगा. इसके लिए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी और एससी-एसटी कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन ने शुक्रवार को पोर्टल www.pmsonline.bih.nic.in और मोबाइल एप लांच किया.
अभी विद्यार्थी को इस स्कॉलरशिप के आवेदन और उसके पैसे आने में कई साल लग जाते हैं, लेकिन अब इस पोर्टल के जरिये छात्रों को कम समय में ही स्काॅलरशिप का लाभ मिल सकेगा. ऐसा करने वाला बिहार पहला राज्य है. लांचिंग के मौके पर मुख्यमंत्री रेणु देवी भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये मौजूद रहीं.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस पोर्टल के जरिये 12वीं से ऊपर की पढ़ाई करने वाले एससी-एसटी, अति पिछड़ा वर्ग व पिछड़े वर्ग के सभी लाभुक विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप डीबीटी के जरिये एक साथ दी जायेगी.
एनआइसी के सहयोग से शिक्षा विभाग के एक्सपर्ट द्वारा तैयार इस पोर्टल के जरिये शैक्षणिक वर्ष 2018-19, 2019-20 , 2020-21 और 2021-22 की प्रवेशिकोत्तर स्कॉलरशिप की राशि एक साथ जारी की जायेगी. इस साल प्रवेशिकोत्तर स्कॉलरशिप के लाभुकों की संख्या छह लाख से अधिक हो गयी है.
अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग जल्दी ही एक कॉल सेंटर का नंबर जारी करेगा, जिसके जरिये विद्यार्थी खामियों का फीडबैक दे सकेंगे. वर्ष 2018-19 में इस योजना में 4,91,435 आवेदन आये. इनमें अब तक 3,22,785 आवेदन स्वीकृत किये गये. अब तक 170 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.
नियम के अनुसार पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के आवेदक के माता-पिता के सिर्फ दो बेटों को प्रवेशिकोत्तर स्कॉलरशिप दी जायेगी. लेकिन, यह नियम बेटियों पर लागू नहीं होगा. साथ ही एसटी-एसटी पर भी यह लागू नहीं होगा.
मौके पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस पोर्टल को बिहार के विद्यार्थियों के हक और जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाया गया है. अब हम अपने आरक्षित वर्ग के गरीब व जरूरतमंद विद्यार्थियों को उच्च अध्ययन के लिए समय पर स्कॉलरशिप दे पायेंगे. वार्षिक छात्रवृत्ति मंजूरी की प्रक्रिया एक माह में पूरी हो जायेगी.
इसके बाद एक क्लिक पर डीबीटी के जरिये राशि विद्यार्थियों के खातों में पहुंच जायेगी. वर्तमान में यह स्कॉलरशिप दो से तीन साल की देरी से मिल पा रही थी. एससी-एसटी कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन ने बताया कि राज्य सरकार ने इस योजना के लाभुकों के अभिभावकों की आय सीमा हाल ही में ढाई लाख से बढ़ा कर तीन लाख कर दी है.
प्रदेश में अब तक इस योजना से प्रदेश के 41 लाख बच्चों के सपनों को साकार किया जा चुका है. इस दौरान शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार और एससी-एसटी और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभागों के वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे. कार्यक्रम संचालन डॉ विनोदानंद झा ने किया.
Posted by Ashish Jha