बिहार के हेल्थ इको सिस्टम ऐसे बदलाव की पहल हो रही है जिससे किसी भी व्यक्ति को अपनी मेडिकल हिस्ट्री साथ लेकर चलने की आवश्यकता नहीं होगी. हर व्यक्ति का अपना एक 14 अंकों का आयुष्मान भारत हेल्थ आभा एकाउंट तैयार कराया जा रहा है. बिहार में 20 लाख 31 हजार आभा एकाउंट बनाने का टारगेट दिया गया है. हर व्यक्ति के एकाउंट में उसके स्वास्थ की पूरी रिपोर्ट होगी. इलाज के लिए देश के किसी भी हिस्से में वह डॉक्टर को अपना सिर्फ आभा एकाउंट नंबर बतायेगा , जिसमें उसकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री होगी. उसका पहले कब-कब इलाज किया गया था, उसकी जांच रिपोर्ट में क्या पायी गयी थी, डॉक्टर ने उसे कौन सी दवा दी थी. आभा एकांट के आधार पर मरीज किसी भी चिकित्सक से टेलीमेडिसिन या ऑनलाइन इलाज का लाभ प्राप्त कर सकता ह
भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत कार्ड पहले से तैयार किया जा रहा है. अब आभा कार्ड तैयार किया जा रहा है, जो आयुष्मान भारत कार्ड से अलग है. केंद्र सरकार ने बिहार को 20 लाख 31 हजार आभा कार्ड बनाने का लक्ष्य 13 अप्रैल तक दिया है. आभा कार्ड तैयार होने के बाद जब भी कोई डॉक्टर के पास जाता है, तो उसके एकाउंट के जरिये पूरी मेडिकल हिस्ट्री उपलब्ध हो जायेगी. आभा कार्ड राज्य का कोई भी नागरिक बनवा सकता है. किसी मरीज को अगर किसी प्रकार की इमरजेंसी होती तो उसके एकाउंट को देख कर चिकित्सक तत्काल इलाज शुरू कर देंगे. आभा एकाउंट में ब्लड ग्रुप से लेकर हर प्रकार के स्वास्थ्य का प्रोफाइल सेव रहेगा. यह इपिक की तरह का एक कार्ड के जैसा होगा, जिसे हर व्यक्ति अपने पॉकेट में लकर घूम सकता है.
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राज्य के 251 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर इलाज में सर्जरी की सुविधादी जायेगी. छोटे अस्पतालों में सर्जरी और प्रसव की व्यवस्था होने से बड़े अस्पतालों पर लोड कम होगा. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी की है. मरीजों की सर्जरी करने के लिए सीएचसी पर 291 प्रकार के सर्जिकल आइटम की व्यवस्था की गयी है जबकि वहां पर भर्ती मरीजों को 97 प्रकार की मुफ्त दवाएं मिलेंगी. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 30-30 बेड की व्यवस्था की गयी है. साथ ही इस अस्पताल में जनरल सर्जन, फिजिशियन, स्त्रीरोग विशेषज्ञ, शिशुरोग विशेषज्ञ, एनेस्थेटिस्ट, डेंटल सर्जन, आयुष चिकित्सक, एक्स-रे तकनीशियन, नेत्र रोग सहायक, लैब टेक्निशियन, ओटी टेक्निशियन, फार्मासिस्ट की बहाली का प्रावधान किया गया है.