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अब बिहार के हर शहर में बिछेगा ‘बायपास’ का जाल, अच्छी सड़कों के लिए सीएम नीतीश ने दिए ये निर्देश…

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जिन शहरों में बाइपास की जरूरत है, उसके लिए विभाग आकलन कर काम करे. सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार की तरफ से कई जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के किसी सुदूरवर्ती इलाके से सड़क मार्ग से छह घंटे के स्थान पर पांच घंटे में राजधानी पहुंचने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. इसके लिए सड़कों का निर्माण, चौड़ीकरण, अनेक पुल-पुलियों के निर्माण के साथ एप्रोच सड़कों का निर्माण लगातार कराया जा रहा है.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जिन शहरों में बाइपास की जरूरत है, उसके लिए विभाग आकलन कर काम करे. सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार की तरफ से कई जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के किसी सुदूरवर्ती इलाके से सड़क मार्ग से छह घंटे के स्थान पर पांच घंटे में राजधानी पहुंचने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. इसके लिए सड़कों का निर्माण, चौड़ीकरण, अनेक पुल-पुलियों के निर्माण के साथ एप्रोच सड़कों का निर्माण लगातार कराया जा रहा है.

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सड़कों का सिर्फ निर्माण नहीं,बल्कि, उनका मेंटेनेंस भी निरंतर होगा

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 532.12 करोड़ की लागत से गंडक नदी पर सत्तर घाट उच्चस्तरीय आरसीसी पुल, लखीसराय बाईपास, कुंदर बराज समेत लखीसराय की चार सिंचाई परियोजनाओं का उद्घाटन एवं सासाराम-बाइपास के निर्माण कार्य का किया शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों और पथ निर्माण विभाग की सड़कों के अलावा पुलों का निरंतर अनिवार्य तौर पर मेंटेनेंस करने की योजना बनायी गयी है. ओपीआरएमसी की अवधि को पांच वर्ष से बढ़ाकर सात वर्ष कर दी गयी है. अब सड़कों का सिर्फ निर्माण नहीं करना है. बल्कि, उनका मेंटेनेंस भी निरंतर करते रहना है. सड़कों की क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए. उसका निरंतर मेंटेनेंस होना चाहिए. सरकार स्टैंडर्ड सड़कें बनाने के पक्ष में है.

हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी जरूर उपलब्ध करा देंगे

उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक गांव तथा टोलों को पक्की सड़कों से लगातार जोड़ा जा रहा है. हरेक गांवों में पक्की गली एवं नाली का निर्माण कराया जा रहा है. उन्होंने दोहराया कि अगली बार काम करने का मौका मिला, तो हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी जरूर उपलब्ध करा देंगे.इस कार्यक्रम को उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव, जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी संबोधित किया. वहीं, कार्यक्रम स्थल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएचइडी मंत्री विनोद नारायण झा, मुंगेर के सांसद ललन सिंह, विधायक अशोक कुमार ने संबोधित किया.

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण सड़कों के बारे में कहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में आने के बाद 2005 से एक लाख 15 हजार 228 किमी ग्रामीण सड़कों का भी निर्माण तेजी से कराया जा रहा है, जिसमें 96 हजार 223 किमी का निर्माण पूर्ण हो चुका है. 19 हजार 223 किमी का निर्माण कार्य जारी है. उन्होंने कहा कि 2006-07 से 2009-10 तक छह हजार 735 किमी, वर्ष 2009-10 से 2014-15 तक नौ हजार 913 किमी, 2015-16 से 2019-20 तक 10 हजार 287 किमी राज्य उच्च पथों (एसएच) और वृहज जिला पथों (एमडीआर) का निर्माण तथा उन्नयन का काम किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 तक सिर्फ 835 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया था. 2006 से 2009-10 तक 16 हजार 57 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया गया है. 2010-11 से 2014-15 तक 40 हजार 496 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ है. 2015-16 से अब तक 38 हजार 835 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है. उन्होंने कहा कि सड़कों और पुलों के बेहतर गुणवत्ता के साथ निर्माण और उनका निरंतर मेंटेनेंस हमलोगों की महत्वपूर्ण नीति है.

सड़कों के बेहतर निर्माण से बढ़ावा मिला इको टूरिज्म को

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों के बेहतर निर्माण से इको टूरिज्म को बढ़वा मिला है. कृषि कार्य तथा व्यापार में भी बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत गंगा नदी के जल को अपलिफ्ट करके गया, बोधगया, नवादा एवं राजगीर में इसकी शुद्ध पेयजल के रूप में आपूर्ति की जायेगी. उन्होंने कहा कि हमलोग न सिर्फ योजनाओं का शिलान्यास करते हैं. बल्कि, उनके निर्माण कार्य की समीक्षा भी करते हैं और कार्यस्थल पर जाकर उसका मुआयना भी करते हैं. ताकि गुणवत्तापूर्ण कार्य समय पर पूर्ण हो सके.

इन योजनाओं के शुरू होने से होगा यह फायदा

मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण और जल संसाधन विभाग की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया. उनमें पूर्वी चंपारण के केसरिया प्रखंड अंतर्गत गंडक नदी के सत्तरघाट पर 263 करोड़ से नवनिर्मित उच्चस्तरीय आरसीसी पुल तथा लखीसराय के चानन प्रखंड में 146 करोड़ की लागत से लोवर किउल नदी घाटी सिंचाई योजना के आधुनिकीकरण कार्य के अंतर्गत कुंदर बराज निर्माण योजना ए‌वं सूर्यगढ़ा प्रखंड में चार सिंचाई योजनाओं का उद्घाटन शामिल है. इसके अलावा लखीसराय बाईपास (रेलवे ऊपरी पुल समेत) का लोकार्पण किया. रोहतास जिला में 122 करोड़ की लागत से सासाराम बाईपास (बेदा से मोकर तक) का शिलान्यास भी किया. सीएम ने कहा कि लखीसराय बाईपास का निर्माण होने से लोगों को आवागमन में अब काफी सहूलियत होगी. सासाराम बाईपास फेज-1 का शिलान्यास किया गया है, जिसका निर्माण पूर्ण होने के बाद वहां के लोगों को भी जाम से रात मिलेगी. कुंदर बराज के निर्माण और चार सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण कार्य से पांच हजार 521 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी. साथ ही छह हजार 926 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का भी विकास होगा.

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