पटना. राज्य सरकार ने गया में एसबीआइ की मानपुर शाखा में हुई अवैध निकासी के मामले की जांच सीबीआइ से कराने की अनुशंसा की है. मामले की समीक्षा करने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी इसे दर्ज करेगी.
गृह विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी करते हुए कहा कि सही दोषियों का पता लगाने के लिए यह जांच सीबीआइ को सौंपी गयी है. इसके आरोपित कई ब्रांच मैनेजर बिहार से बाहर चले गये हैं. ऐसे में इन्हें गिरफ्त में लेने के लिए यह पहल की गयी है.
गया के मानपुर में एसबीआइ की शाखा में जुलाई, 2020 में आठ करोड़ की गलत तरीके से निकासी हुई थी. इस संबंध में वहां मुफस्सिल थाने में एफआइआर दर्ज करायी गयी थी.
इस मामले की लिखित शिकायत वहां के तत्कालीन बैंक शाखा प्रबंधक सुजीत कुमार दास ने की थी. इसमें कहा गया था कि बैंक के फील्ड अफसर, कैशियर समेत अन्य कर्मियों ने नियमों को दरकिनार करते हुए अपने पिता, परिवार के अन्य सदस्यों और कुछ फर्जी लोगों के नामों पर राशि ट्रांसफर कर दी थी.
यह राशि अलग-अलग खातों से ऐसे 60 खातों में ट्रांसफर कर दिये गये. इसमें वाराणसी के रहने वाले विवेक कुमार सिंह, नालंदा जिले के तेलमर गांव के रहने वाले शुभम कुमार के नाम पर 14 खाते खोलकर राशि ट्रांसफर कर दी गयी है.
ऐसे कई लोगों के नामों पर खाते खोलकर राशि ट्रांसफर की गयी है. इसमें कई लोगों को इसके बारे में जानकारी है, तो कई को नहीं है. स्थानीय थाने में दर्ज एफआइआर में जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है, उनमें बैंककर्मी प्रीति सिंह, पूर्व कैशियर डोमन चौधरी समेत अन्य प्रमुख हैं.
जांच में यह भी पता चला कि प्रीति सिंह ने अपने पिता विजय कुमार के नाम पर भी करीब 10 खाते खोल कर राशि ट्रांसफर की है. प्रीति गया के रामपुर थाने के नारायणगढ़ मोहल्ले की रहने वाली है.
Posted by Ashish Jha