पटना. राज्य में तेज गति से चलने वाली गाड़ियों के कारण सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती है. ऐसे गाड़ियों की निगरानी करने के लिए सभी सड़कों पर ऑटोमैटिक ओवर स्पीड उपकरण लगेगा. परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा के तहत सड़कों पर लगाने का निर्णय लिया है, ताकि गाड़ियों की रफ्तार की निगरानी हो सकें और तेज वाहन चालकों से जुर्माना भी वसूला सकें. फिलहाल पटना सहित अन्य जिलों में गाड़ियों में लगे वीएलटीडी के माध्यम से ओवर स्पीड गाड़ियों पर नजर रखी जा रही है और चालान भी काटा जा रहा है, लेकिन मार्च तक राज्य की सभी सड़कों और शहरों में लगाया जायेगा, जो सेंसर से काम करेगा.
सभी जिलों के बॉर्डर पर लगेगा उपकरण
सड़कों के अलावे सभी जिलों के बॉर्डर और टॉल प्लाजा से पहले इस उपकरण को लगाया जायेगा,ताकि गाड़ियों की पहचान करने में परेशानी नहीं हो. परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में पाया गया है कि तेज रफ्तार की गाड़ियों से दुर्घटनाएं बढ़ी है. कुल सड़क दुर्घटना का आंकड़ा में नौ प्रतिशत तक दुर्घटनाएं तेज रफ्तार की गाड़ियों से होती है.
जिलों से मांगी गयी रिपोर्ट
विभाग ने जिलों से ओवर स्पीड के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को लेकर रिपोर्ट की मांग की है, ताकि उन सभी इलाकों में उपकरण लगाया जा सकें. जहां सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती है. ऐसी जगहों को चिन्हित करने के लिए जिलों को निर्देश दिया गया है. मालूम हो कि बिहार के 12 ट्रैफिक जिलों में एक अगस्त से मैनुअल ट्रैफिक चालान कटना बंद चुका है.इन जिलों के ट्रैफिक पुलिसकर्मी ऑटोमेटिक या हैंडहेल्ड डिवाइस (एचएचडी) के जरिये इ-चालान काट रहे हैं. नये साल में मैनुअल चालान पूरी तरह बंद कर दिया जायेगा.
दूसरे चरण में इन जिलों में लागू हो रही नयी व्यवस्था
बिहार में पहले चरण में स्मार्ट सिटी पटना, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ में ऑटोमेटिक इ-चालान की व्यवस्था की गयी है. इसके बाद दूसरे चरण में ट्रैफिक जिले के रूप में अधिसूचित 12 जिलों के पुलिसकर्मियों को शत-प्रतिशत हैंड हेल्ड डिवाइस से लैस किया जा चुका है. पूर्व में सभी जिलों को एचएचडी आवंटित किये गये थे.
भागलपुर में भी कट रहा कैमरों से चालान
स्मार्ट सिटी योजना के तहत चुने गये चारों शहर पटना, मुजफ्फरपुर, बिहारशरीफ और भागलपुर में कैमरों की मदद से ई-चालान काटा जा रहा है. इसमें पटना व मुजफ्फरपुर में अप्रैल महीने से ही कैमरों से तस्वीर लेकर ई-चालान काटा जा रहा है. पटना में करीब 22 करोड़ जबकि मुजफ्फरपुर में करीब 8 करोड़ रुपये का चालान काटा जा चुका है. बिहारशरीफ में अगले साल से कैमरों से चालान कटने लगेगा. वहीं भागलपुर में इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आइसीसीसी) के माध्यम से कैमरों से चालान कट रहा है.
दोबारा नियम तोड़ने वाले होंगे चिह्नित
ई-चालान से जुर्माना वसूली में पारदर्शिता तो आएगी ही, चालान कटने के बाद डाटाबेस भी बनेगा. इससे दोबारा नियम तोड़ने वालों की पहचान आसानी से हो सकेगी. मैनुअल चालान में इसकी पहचान मुश्किल होती है. बार-बार नियम तोड़ने वाले ड्राइवरों का लाइसेंस रद्द करने की भी अनुशंसा की जाएगी. पटना, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, आरा, छपरा, बिहारशरीफ, दरभंगा, मुंगेर, बेगूसराय, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिलों में बंद हो चुका है मैनुअल चालान.