पटना. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना के तहत प्री प्राइमरी क्लास के बच्चे भी लाये जा रहे हैं. मध्याह्न भोजन निदेशालय को व्यापक जवाबदेही निभाने के लिए तैयार रहना चाहिए. खासतौर पर वित्तीय प्रबंधन की बारीकियों को समझने की जरूरत है ताकि 1.18 करोड़ बच्चों को भोजन मुहैया कराया जा सके. उन्होंने यह बात अभिलेख भवन में रविवार को आयोजित मध्याह्न भोजन के वित्तीय प्रबंधन से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कही.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मध्याह्न भोजन बनाने और बांटने की जवाबदेही से स्कूली शिक्षकों को मुक्त करने की दिशा में काम चल रहा है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री से बातचीत हुई है. हमलोग विभिन्न स्वयंसेवी संस्था के जरिये इस दिशा में प्रयोग कर रहे हैं. उन्होंने दो टूक कहा कि आखिर स्कूलों के निरीक्षण की कवायद बंद क्यों कर रखी है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में जल्द ही जिला शिक्षा पदाधिकारियों की बैठक बुलायी जायेगी.
आप चाहेंगे तो शैक्षणिक गुणवत्ता में महीने भर में सुधार आ जायेगा. स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन कराना और स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए काम करना शिक्षकों की अतिरिक्त जवाबदेही और मुख्य कार्य पढ़ाना है. सभी डीइओ को अपर मुख्य सचिव ने दी हिदायत: अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा पदाधिकारियों में अवज्ञा की संस्कृति प्रभावी हो गयी है. इसे बदलने की जरूरत है.
इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. प्रदेश की शिक्षा और बच्चों की बेहतरी के लिए कोई बाहर से नहीं आयेगा. इसे हमलोगों को सुधारना है. डीइओ मीटिंग में नहीं आ रहे हैं. उन्हें सुधर जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 12 नवंबर से प्रदेश के पांच हजार से अधिक स्कूलों में नेशनल असिस्मेंट सर्वे की शुरुआत होगी. तब शत-प्रतिशत बच्चों को उपस्थिति अनिवार्य होगी.
Posted by: Radheshyam Kushwaha