पटना. राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत अहर्ताधारी नियोजित शिक्षक भी अब बिहार के टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज डायट, पीटीइसी व बाइट में व्याख्याता बनेंगे. पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका अजय कुमार तिवारी व अन्य बनाम राज्य सरकार एवं अन्य के निष्पादन करते हुए न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय ने यह आदेश दिया है.
याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता पीके शाही ने बिहार शिक्षा सेवा संवर्ग नियमावली -2014 और विज्ञापन संख्या -06 /2016 के अनुरूप नियोजित शिक्षकों को इस पद पर नियुक्ति हके लिए वैध ठहराते हुए अपनी दलील को पेश किया, जिससे कोर्ट सहमत हुआ.
याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल कुमार उपाध्याय ने प्रधान सचिव के उस पत्र को निरस्त करते हुए नियोजित शिक्षकों की पात्रता को वैध ठहराया और 60 दिनों के अंदर परीक्षा के परिणाम को प्रकाशित करने का आदेश दिया.
ज्ञात हो कि 2016 में सरकारी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में व्याख्याता की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई. शिक्षा विभाग की अधियाचना पर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के लिए विज्ञापन संख्या – 06 /2016 प्रकाशित हुआ. इसके लिए बिहार सरकार के विद्यालयो में न्यूनतम तीन वर्षों से कार्यरत शिक्षकों से आवेदन आमंत्रित किये गये.
विज्ञापन एवं प्राप्त आवेदनों के आधार पर आयोग द्वारा लगभग दो वर्षों बाद 2018 में लिखित परीक्षा भी ली गयी. मगर, लिखित परीक्षा के बाद शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने आयोग को पत्र लिखकर नियोजित शिक्षकों को बाहर करते हुए परीक्षा का परिणाम घोषित करने को कहा. शिक्षा विभाग के इस पत्र को अजय कुमार तिवारी व अन्य ने अधिवक्ता विपिन कुमार व वरीय अधिवक्ता पीके शाही के माध्यम से पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
Posted by Ashish Jha