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अब बांग्ला समेत आठ क्षेत्रीय भाषाओं में होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, एआइसीटीइ ने दी अनुमति

अब बांग्ला भाषी छात्र भी इंजीनियरिंग कर पायेंगे. हिंदी के साथ-साथ अब मराठी, गुजराती, बंगाली समेत आठ क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई होगी. दरअसल, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) ने कॉलेजों को नये शैक्षणिक वर्ष (2021-22) से हिंदी सहित आठ क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की डिग्री देने की अनुमति दी है.

पटना. अब बांग्ला भाषी छात्र भी इंजीनियरिंग कर पायेंगे. हिंदी के साथ-साथ अब मराठी, गुजराती, बंगाली समेत आठ क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई होगी. दरअसल, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) ने कॉलेजों को नये शैक्षणिक वर्ष (2021-22) से हिंदी सहित आठ क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की डिग्री देने की अनुमति दी है.

अन्य भाषाएं जिनमें यह उपलब्ध होगा, वे हैं मराठी, बंगाली, तेलगू, तमिल, गुजराती, कन्नड़ और मलयालम. इस कदम से विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के उम्मीदवारों को अपने सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी.

भारत सरकार की नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी इस संबंध में प्रावधान सुनिश्चित किये गये थे. नयी शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक भारतीय भाषाओं में पढ़ाई को प्राथमिकता दी गयी है.

हिंदी सहित आठ क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की डिग्री देने की अनुमति देने की घोषणा करते हुए एआइसीटीइ के अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने कहा है कि इसका उद्देश्य छात्रों को उनकी मातृभाषा में तकनीकी शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे बुनियादी बातों को बेहतर तरीके से समझ सकें.

हमें पूरे देश से लगभग 500 आवेदन प्राप्त हुये हैं. भविष्य में 11 और भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू हो सकेगी. एआइसीटीइ इन सभी भाषाओं में पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है. स्वयं पोर्टल के तहत पढ़ाये जाने वाले पाठ्यक्रमों का भी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद हो रहा है.

Posted by Ashish Jha

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