भागलपुर : राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस को लेकर सोमवार को कहलगांव से सुल्तानगंज के बीच गांगेटिक डॉल्फिन सेंचुरी में Water safari की शुरुआत हुई. 60 किलोमीटर तक छह ऑटोमेटिक नाव काे चलाकर डॉल्फिन सेंचुरी में पर्यटकों को डॉल्फिन दिखाया जायेगा.
बटेश्वर कहलगांव स्थित विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभ्यारण्य में सोमवार को राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस के उपलक्ष्य में छह जलज नाव के संचालन शुरू हुआ. भारतीय वन्यजीव संस्थान के गंगाप्रहरी स्पेयरहेड दीपक कुमार, ज्ञानी जी, मुखिया भोला मंडल, भारतीय वन्यजीव संस्थान के शोधकर्ता गौरा चंद्र दास ने झंडा दिखाकर नाव को रवाना किया.
भागलपुर जिला समेत गंगोत्री से गंगा सागर तक भारतीय वन्यजीव संस्थान ने सात जगह गांगेय डॉल्फिन जलज सफारी का शुभारंभ किया. नमामि गंगे के डीजी राजीव रंजन मिश्रा की अध्यक्षता में पांच राज्यों में सात जगह पर गंगा डॉल्फिन जलज सफारी की शुरुआत की.
नमामि गंगे परियोजना के तहत भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक डॉ रुचि बडोला व डॅा एसए हुसैन ने बटेस्वर स्थान कहलगांव में गंगा प्रहरियों द्वारा सतत आजीविका पर्यटन का ऑनलाइन उद्घाटन किया.
गंगा प्रहरी दीपक कुमार ने बताया कि जलज नाव डॉल्फिन संरक्षण के साथ ही गंगा में रहने वाले जीवों के संरक्षण व संवर्धन में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभायेंगे. कम लागत में पर्यटकों को पर्यावरण के अनुकूल गंगा की सैर के साथ ही जल जीवों की सम्पूर्ण जानकारी लोगों को उपलब्ध करायेगा. ताकि पर्यटक भी इन जीवों के महत्व को जानकर संरक्षण की दिशा में अपना योगदान निभायें औ गंगा को निर्मल व अविरल बनाने में आगे आयें.
नमामि गंगे ने जलज योजना से जुड़कर स्थानीय समुदाय, नाविकों, मछुआरों की गंगा पर निर्भरता कम होगी, जीवों का संरक्षण होगा, ज्यादा से ज्यादा लोग पर्यटक के रूप में गंगा से जुड़ेंगे. इससे रोजगार मुहैया होगा. स्थानीय समुदाय, मछुआरों, नाविक को गंगाप्रहरी बनाकर जलज योजना के तहत कार्यशाला कर प्रशिक्षित किया जा रहा है.
इस मौके पर एक्सीलेंट विजन फाउंडेशन से आशीष झा, धीरज कुमार, सुनील दास, रविद्र रमन, गौतम मुकेश, प्रवीण, अजय, रंजन, बिनोद गुलशन समेत गंगाप्रहरी व नाविक दल समेत स्थानीय लोग मौजूद थे.
Posted by Ashish Jha