पटना. लोगों को घर में ही खेती करने के लिए प्रेरित करने को शुरू की गयी ‘छत पर बागवानी’ योजना में सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है. कृषि विभाग की योजना को यदि सरकार की मंजूरी मिल जाती है, तो वह लोग भी बागवानी कर सकेंगे जिनके घर की छत मात्र 100 वर्गफुट की है. अभी 300 वर्गफुट की छत के लिए योजना है. इसमें इकाई पर 50 हजार रुपये खर्च आता है. लाभुक पहले 25 हजार रुपये जमा करता है. इसके बाद सरकार 25 हजार रुपये और जोड़कर एजेंसी 50 हजार रुपये देती है. यह एजेंसी ही छत पर पूरा सेटअप तैयार कर देती है.
इस योजना के लिए उद्यान निदेशालय में केवल ऑनलाइन आवेदन करना होता है. आने वाले दिनों में 100 -200 वर्गफुट की छत वाले भी इसका लाभ ले सकेंगे. उद्यान निदेशालय ने जो प्लान बनाया है उसमें राशि अनुपातिक रूप से कम कर दी जायेगी. पटना, मुजफ्फरपुर भागलपुर, बिहारशरीफ, गया में बागवानी की 1380 इकाई लगानी हैं. अभी तक इन शहरों में 47 इकाइयां हैं.
पशुओं को हरे चारे की किल्लत न हो इसके लिए सरकार राज्य के दस प्रखंडों में चारा नर्सरी खोलने जा रही है. हरा चारा उत्पादन करने, नर्सरी एवं हरा चारा की सुरक्षा के लिए संविदा सेवाएं मद में स्वीकृत राशि पर आउटसोर्सिंग के आधार पर जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा कर्मियों की सेवाएं ली जायेंगी. राज्य में पशुधन की संख्या करीब 365.4 लाख है.
पशुपालकों को चारा महंगा न लेना पड़े इसके लिए नालंदा जिले के हरनौत, इस्लामपुर व अस्थावां,गया के अतरी-डुमरिया तथा पटना जिले में दानापुर, नौबतपुर, पालीगंज, पुनपुन और बिक्रम प्रखंड में दो- दो एकड़ में हरे चारे की नर्सरी खोली जा रही रही है. पशुपालन विभाग इन नर्सरी के आसपास के क्षेत्र के लोगों को हरे चारे से होने वाले लाभ से अवगत करायेगा.
हरे चारे के उत्पादन में वृद्धि होगी, इससे पशुओं की उत्पादकता बढ़ेगी साथ ही पशुओं के पोषण की लागत कम होगी. जिला पशुपालन पदाधिकारियों को इसके लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है. घेराबंदी, ग्रील गेट का निर्माण एवं पंप सहित बोरिंग की स्थापना की जायेगी.
पशुपालन विभाग के निदेशक विनोद सिंह गुंजियाल ने सभी जिला पशुपालन पदाधिकारियों को पशुओं को अगलगी से बचाने के लिए आवश्यक उपाय करने के आदेश दिये हैं. गर्मी में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. इसमें पशुधन को भी नुकसान पहुंचता है. इसी को ध्यान में रखकर अगलगी से होने वाली दिक्कतों और हादसा होने पर क्या करें क्या न करें इसके लिए पशुपालकों के बीच जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है.
Posted by Ashish Jha