पटना. राज्य के सरकारी कर्मियों की तरह संविदा व नियोजित कर्मियों को भी फरवरी के अंत तक अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा. सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प के आलोक में ग्रामीण विकास विभाग की बिहार रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी ने इसका कार्यालय आदेश जारी किया है.
आदेश के अनुसार एसेट्स और दायित्वों का विवरण समर्पित करने के लिए बीआरडीएस के एचआरएमएस पोर्ट के पर्सनल डिटेल भाग में एसेट्स डिक्लरेशन फॉर्म उपलब्ध कराया गया है. फाॅर्म भरने के लिए अनिवार्यता रखी गयी है.
संविदा व नियोजित कर्मियों को वित्तीय वर्ष के अनुसार बैंक, फाइनेंसियल संस्था या किसी अन्य जगह से लिये गये लोन की जानकारी देनी होगी.
कितनी राशि जमा और कितनी शेष है, इस बात को भी फाॅर्म में बताना होगा. इसके अलावा सरकार की देनदारी के विषय मसलन बिजली बिल आदि की जानकारी भी फाॅर्म के पांचवें कॉलम में देने के लिए विकल्प दिया गया है. इसके अलावा छठे नंबर तक टैक्स संबंधित जानकारी के लिए पैन नंबर आदि के साथ बकाया राशि आदि के बारे में बताना होगा.
फॉर्म में 11 तरह के कॉलम को भरने की बात कही गयी है. इसमें चल संपत्ति का पूरा ब्योरा, वाहन, मोबाइल, एलआइसी पॉलिसी और वैल्यू वाले एसेट्स के वर्तमान मूल्य बताने होंगे.
अचल संपत्ति में जमीन आदि संबंधित जानकारी खाता प्लाट, जिला प्रखंड आदि के अनुसार भरना होगा. संपत्ति और देयता में भी ज्वाइंट नाम, लोन शेयर आदि का पूरा विवरण देना होगा. फाॅर्म को एक बार सबमिट करने के बाद उनका संशोधन नहीं किया जायेगा.
इधर, कैबिनेट ने संविदा पर रखे गये रिटायर्ड सरकारी कर्मियों की सेवा के संबंध में अशोक चौधरी कमेटी की अनुशंसाओं (भाग-दो) को स्वीकार किया है. इसके अनुसार संविदा पर रखे गये रिटायर्ड कर्मियों को इपीएफ व इएसआइ का लाभ नहीं मिलेगा. साथ ही कार्यरत कर्मियों की तरह ऐसे संविदा कर्मियों की असामयिक मौत होने पर चार लाख का मुआवजा नहीं दिया जायेगा.
Posted by Ashish Jha