सीवान. निजी वाहनों पर लगे नेम प्लेट, माइक व हूटर वर्तमान में एक सगल बन गया है. इसको लेकर बने कानून का किसी को फिक्र नहीं है और लोग धड़ल्ले से इसका दुरुपयोग कर रहे हैं. अब जिला प्रशासन इसको लेकर अभियान चलायेगा और नेम प्लेट व माइक या स्पीकर को जिला प्रशासन उतरवायेगा. पुलिस विभाग व परिवहन विभाग इसको लेकर अभियान चलायेगा. सरकारी गजट व परिवहन विभाग के नियमानुसार प्राइवेट गाड़ियों पर किसी तरह के बोर्ड, नेम प्लेट अथवा माइक लगाने को पूरी तरह से गैरकानूनी माना गया है. इसको लेकर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का वाहन मालिक उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ परिवहन विभाग व पुलिस जिले में जांच अभियान चलायेगी. जांच के दौरान नियमों को उल्लंघन करते पकड़े जाने पर न सिर्फ नेम प्लेट व स्पीकर को उतरवाया जायेगा, बल्कि जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
नेम प्लेट का कर रहे बेजा इस्तेमाल
त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत के जन प्रतिनिधि, विभिन्न संगठनों व राजनीतिक दलों के पदाधिकारी और कुछ आम लोगों द्वारा वाहनों के ऊपर माइक व आगे में जिला पार्षद, प्रखंड प्रमुख, मुखिया, बीडीसी, मुखिया संघ अध्यक्ष, सरपंच, बीडीसी सदस्य, वार्ड सदस्य व संगठन में पदधारक का नेम प्लेट वाहनों में लगा दिख रहा है. कुछ वैसे लोग भी नेम प्लेट लगा रहे हैं, जो जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि या उनके परिवार के सदस्य हैं. मनमानी करने के आदि कुछ लोग तो हुटर व माइक भी लगाने से नहीं चूक रहे हैं .वाहनों पर अनाधिकृत रूप से नेम प्लेट लगाने वाले कुछ लोग प्रशासन की आंखों में धूल झोंक अपना मैदान चमका रहे हैं.
विधि-व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों को ही लगाना है बोर्ड
डीटीओ कुमार विवेकानंद ने बताया कि सरकार एवं विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, किसी भी प्राइवेट वाहनों पर माइक तथा पदनाम से संबंधित नेम प्लेट लगाना गैरकानूनी है . उन्होंने कहा कि नियम का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ पूरे जिले में अभियान चलाया जायेगा. अभियान के दौरान जिन वाहनों पर माइक तथा पदनाम से संबंधित नेम प्लेट पकड़ा जायेगा, उसे उतरवाकर जुर्माना वसूला जायेगा. विभागीय पदाधिकारियों को जिले की विभिन्न सड़कों पर जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है.
जनप्रतिनिधि वाहनों पर नेम प्लेट नहीं लगा सकते
डीटीओ ने बताया कि विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार न्यायिक पदाधिकारी, सरकारी पदाधिकारी तथा माननीय के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि वाहनों पर नेम प्लेट नहीं लगा सकते. सरकार ने सरकारी अधिकारियों से लेकर लोक उपक्रमों के वरीय अधिकारियों तक के लिए नियम बनाया है. राज्य सरकार के अधिकारियों में विधि-व्यवस्था संधारण से जुड़े सभी अधिकारियों को बोर्ड लगाने की अनुमति है. इनमें बीडीओ,सीओ से लेकर उप विकास आयुक्त स्तर के अधिकारी शामिल हैं सभी डीटीओ, आरटीओ और जिला खनन पदाधिकारियों को भी बोर्ड लगाने की अनुमति है. लेकिन सभी सरकारी अधिकारियों को भी बोर्ड लगाने की अनुमति नहीं है.
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यह है नियम
पुलिस, प्रेस और जिला प्रशासन लिखना भी अवैध माना गया है. परिवहन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सिर्फ सरकारी गाड़ियों पर नेम प्लेट लगाया जा सकता है. सभी सरकारी वाहनों पर एक ही आकार के बोर्ड होंगे. लेकिन, इनका रंग अलग-अलग निर्धारित है. विधायिका से जुड़े लोगों के लिए हरा रंग, न्यायपालिका, वैधानिक आयोग, कार्यपालिका के साथ-साथ केंद्रीय कार्यालयों के बोर्ड लाल रंग के होंगे. जबकि विधि-व्यवस्था संधारण प्राधिकारी व प्रवर्तन प्राधिकारी की गाड़ियों पर नीला रंग का बोर्ड होगा. सभी बोर्ड का आकार 6 इंच गुना 18 इंच होगा और इस पर सफेद रंग अथवा पीतल से अक्षर अंकित होंगे. परिवहन विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, गाड़ियों के आगे पुलिस, प्रेस, आर्मी, कोर्ट, जिला प्रशासन आदि लिखना भी अवैध करार दिया गया है. सरकार, प्रशासन और मंत्रालय भी नहीं लिखा जा सकता है. राज्य सरकार की अधिसूचना में वैसे वाहनों और अधिकारियों की सूची भी जारी की गयी है जो गाड़ी के आगे नेम प्लेट लगा सकते हैं.
बोले डीटीओ
प्राइवेट वाहनों पर माइक व नेम प्लेट लगाना गैरकानूनी है. विभाग द्वारा जिले में अभियान चलाया जायेगा. जिस वाहन पर माइक और नेम प्लेट से संबंधित बोर्ड पाया जायेगा, उसके वाहन स्वामी पर कानूनी कार्रवाई करते हुए जुर्माना वसूला जायेगा. सभी को आगाह किया जाता है कि स्वेच्छा से अपना बोर्ड आदि हटा दें.
कुमार विवेकानंद, जिला परिवहन पदाधिकारी, सीवान.
क्या कहते हैं एसपी
जिला प्रशासन इसको लेकर अभियान चलायेगा. सभी थानों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया गया है. वाहनों पर नेम प्लेट माइक आदि लगाकर धौंस नहीं चलेगा. दोनों एसडीपीओ को भी अभियान की मॉनीटरिंग का आदेश दिया गया है.
शैलेश कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक, सीवान