अब केंद्र के तर्ज पर बिहार में भी आजीवन होगी एसटीइटी की मान्यता, शिक्षा मंत्री ने की घोषणा
बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीइटी) की मान्यता अब आजीवन होगी. इसे सात वर्षों से बढ़ा कर जीवन भर के लिए किया जायेगा.
पटना. बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीइटी) की मान्यता अब आजीवन होगी. इसे सात वर्षों से बढ़ा कर जीवन भर के लिए किया जायेगा. मंगलवार को विधान परिषद में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसकी घोषणा की.
वह ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान नवल किशोर यादव के सवालों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी है. एसटीइटी के प्रमाणपत्र की वैधता सात वर्ष के लिए है.
एसटीइटी-2012 पास अभ्यर्थियों की पात्रता परीक्षा की वैधता जून 2019 में समाप्त हो गयी थी. इसे दो वर्षों के लिए विस्तारित किया गया है. शिक्षा मंत्री ने सदन में बताया कि एनसीआरटी द्वारा कक्षा एक से आठ तक के लिए टीइटी प्रमाणपत्र की वैधता सात वर्ष तक होती है.
इसे अब जीवन भर के लिए किया गया है. एनसीआरटी द्वारा टीइटी के प्रमाणपत्र की वैधता के संबंध में निर्णय को सामान्य रूप से राज्य सरकार द्वारा एसटीइटी के प्रमाणपत्र की वैधता के संबंध में लागू किया जाता है. इसे बिहार में भी लागू किया जायेगा.
आगे की परीक्षा पर होगा लागू
गौरतलब है कि सीटीइटी को प्रोस्पेक्टिव इफेक्ट से लागू किया जायेगा. यानी पूर्व की पात्रता परीक्षाओं की वैधता आजीवन नहीं होगी. नियम लागू होने के बाद जो पात्रता परीक्षा ली जायेगी, उसके प्रमाणपत्र की मान्यता आजीवन होगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र के निर्णय के अधिसूचना की कॉपी नहीं आयी है. जैसे ही अधिसूचना की कॉपी आयेगी, राज्य सरकार भी एक सप्ताह में अपना निर्णय लागू कर देगी.
नियोजन प्रक्रिया पूरी करने को कोर्ट से मांगी गयी है अनुमति
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए दिव्यांगों को चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के प्रावधान को लागू करने के लिए कृत संकल्पित है. इससे संबंधित कोर्ट में दायर वाद में भी सरकार ने अपनी मंशा को स्पष्ट करते हुए नियोजन की कार्रवाई पूरी करने की अनुमति मांगी है.
Posted by Ashish Jha