पटना. जैव कीटनाशी एवं जैव उत्पाद नमूनों की जांच अब बिहार में ही कराने की तैयारी की जा रही है. इसकी प्रयोगशाला की स्थापना के लिए कृषि विभाग प्रस्ताव जल्दी ही तैयार करेगा. कृषि मंत्री अमरेद्र प्रताप सिंह ने इस संबंध में कृषि सचिव को दिशा- निर्देश दिये हैं. कृषि विश्वविद्यालय से भी इसमें मदद ली जायेगी.
अभी कीटनाशी एवं जैव उत्पाद के नमूनों को विश्लेषण के लिए हैदराबाद भेजा जाता है. कृषि मंत्री अमरेद्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रयोगशाला की स्थापना राज्य में कराने के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराने का आदेश दे दिया गया है. प्रस्ताव मिलते ही इसे सरकार की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा.
राज्य में पौधा संरक्षण की स्थिति को लेकर बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 207. 64242 लाख में 190. 27835 लाख खर्च कर लिया गया है. 91. 63 फीसदी काम पूरा हो चुका है. दलहनी फसलों में लगने वाले कीट- व्याधि के प्रबंधन के लिए छह टाल जिलों में चलायी जा रही टाल विकास योजना का विस्तार किया जायेगा.
राज्य में 33 प्रतिशत हरित आवरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा के तहत राज्यभर में इस साल (वित्तीय वर्ष 2021-22) दो करोड़ पौधे लगायेगा. इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गयी है. निजी भूमि पर पौधरोपण कराने वालों को प्रोत्साहित किया जायेगा.
पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस बार 80 हजार पौधे अधिक लगाये जा रहे हैं. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मनरेगा में सामाजिक वानिकी योजना अंतर्गंत सभी 38 जिलों की प्रत्येक ग्राम पंचायत में सघन पौधारोपण अभियान चलाया जायेगा. एक करोड़ 50 लाख काष्ठ पौधे और 50 लाख फलदार पौधे लगाये जायेंगे.
ग्रामीण कार्य विभाग की सड़क तथा जल संरक्षण- संचयन संरचनाओं के किनारे भी पौधारोपण कराया जायेगा. निजी भूमि पर पौधारोपण पर फोकस किया जायेगा. विगत वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना के तहत एक करोड़ 20 लाख पौधे लगाये गये थे.
Posted by Ashish Jha