पटना. अब खेतों की मेड़ पर आंवला, बेर, जामुन, कटहल और बेल के पेड़ दिख सकेंगे. सरकार किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए कृषिविभाग सात निश्चय-2 के तहत किसानों को अनुदान देकर खेतों की मेड़ पर फलदार पौधे लगवाने जा रही है.सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी योजना पर अगले तीन साल में करीब तीन करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
सेंटर ऑफ एक्सेलेंस, देसरी, वैशाली से आंवला, बेर, जामुन, कटहल, बेल, अनार, नीबू एवं मीठा नीबू के पौधे किसानों को उपलब्ध कराये जायेंगे. किसान अपनी पसंद से फल पौध का चयन कर सकेंगे. फल पौध के अनुदान की राशि योजना की राशि से काट कर सेंटर ऑफ एक्सेलेंस देसरी, वैशाली को उपलब्ध करा दी जायेगी.
योजना का मूल उद्देश्य फलों का क्षेत्र विस्तार करते हुए वैसे फल पौध, जो सामान्यत कम मात्रा में राज्य में लगाये जाते हैं, उसे आम लोगों को उपलब्ध कराना है. कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बुधवार को बताया कि पिछले साल (2021) शुष्क बागवानी योजना के तहत 566 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तार किया गया था. इस साल 875 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया जायेगा.
योजना में किसान, फलदार पौध के लिए अधिकतम चार हेक्टेयर तथा कम -से -कम 0.1 हेक्टेयर क्षेत्र में पेड़ लगाने के लिए अनुदान को आवेदन कर सकते हैं. योजना का लाभ उन किसानों दिया जायेगा, जो अनिवार्य रूप से ड्रिप सिंचाई करते हैं. 2400 कृषकों को सेंटर आॅफ एक्सेलेंस द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जायेगा.
कम पानी में होने वाले शुष्क फलों के लिए 60 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से तीन वार्षिक किस्तों में दिये जायेंगे. लागत और रोपण सामग्री के पर होने वाले खर्च को पूरा करने के लिए अधिकतम 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अथवा लागत का 50 प्रतिशत अनुदान के रूप दिया जायेगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान मांग करेंगे, तो फल- पौधों के बीच की खाली जगह के लिए एकीकृत उद्यान विकास योजना से सब्जी के 7500 पौधे प्रति हेक्टेयर उपलब्ध कराया जायेगा. सेंटर आॅफ एक्सेलेंस चंडी, नालंदा से एकीकृत उद्यान विकास योजना द्वारा संकर प्रभेद के टमाटर, बैगन, मिर्च, पत्तागोभी, फूलगोभी एवं लत्तीदार सब्जियों के पौध किसानों को उपलब्ध कराये जायेंगे. शुष्क बागवानी के फल पौधों के बढ़ने के पूर्वकिसान सब्जी से आमदनी प्राप्त कर लाभ उठा सकते हैं.