अब बिहार में टीबी मरीजों की ट्रूनेट मशीन से की जायेगी जांच, मरीजों को होगी सुविधा
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया है कि ट्रूनेट मशीन का उपयोग कोविड 19 की जांच के साथ-साथ टीबी एवं रेजिस्टेंस टीबी की जांच में किया जायेगा. इसको लेकर आइजीआइएमएस तथा एम्स सहित पीएमसीएच और राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पताल के प्राचार्य व सिविल सर्जन को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिया गया है.
पटना. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया है कि ट्रूनेट मशीन का उपयोग कोविड 19 की जांच के साथ-साथ टीबी एवं रेजिस्टेंस टीबी की जांच में किया जायेगा. इसको लेकर आइजीआइएमएस तथा एम्स सहित पीएमसीएच और राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पताल के प्राचार्य व सिविल सर्जन को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिया गया है.
ट्रूनेट मशीन लगाने एवं अधिकतम क्षमता तक उपयोग के लिए जिला स्तर पर अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, संचारी रोग, यक्ष्मा तथा प्रखंड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष उत्तरदायी बनाये गये हैं.
कोविड-19 महामारी के दूसरे दौर में कम होने पर राज्य में राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी केस जांच को बढ़ाने की अब पहल की गयी है. बीएमएसआइसीएल एवं कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसब्लिटी के तहत विभिन्न अस्पतालों को कुल 170 ट्रूनेट मशीन भेजा गया है.
राज्य यक्ष्मा भंडार एवं जिला यक्ष्मा केंद्रों में टीबी एवं रेजिस्टेंट टीबी जांच के लिए आवश्यक चिप्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, जिला यक्ष्मा केंद्रों में उपलब्ध सभी ट्रूनेट मशीन की संलग्न सूची के अनुसार संस्थानों में ट्रूनेट मशीन लगाने के निर्देश दिया गया है.
जिला स्तर पर एक मशीन से आवश्यकतानुसार कोविड टेस्ट तथा अन्य संस्थानों में ट्रूनेट द्वारा टीबी एवं रेजिस्टेंट टीबी की जांच करने किया जायेगा.
जिला स्तर पर कोविड-19 जांच के लिए एक ट्रूनेट मशीन को छोड़ कर बाकी सभी मशीनों का संलग्न सूची अनुसार संस्थानों को स्थापित करने के लिए एक हवादार कमरा, रनिंग वाटर स्प्लाई सिंक एवं मशीन को रखने के लिए प्लेटफॉर्म, बिजली आपूर्ति तथा अन्य आवश्यक सामानों की इसकी स्थापना पर होने वाले खर्च एनटीइपी के तहत बजट शीर्ष सीविल वर्क से जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा किये जाये.
Posted by Ashish Jha