बिहार में अब गांवों के चौराहे सोलर लाइटों से होंगे रोशन, हर पंचायत में किया जायेगा सर्वे
अब गांवों के गली-चौराहे सोलर लाइट से रोशन होंगे. इसके लिए पंचायतों में सर्वे का काम शुरू किया जायेगा. सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत यह काम कराया जायेगा.
गया. अब गांवों के गली-चौराहे सोलर लाइट से रोशन होंगे. इसके लिए पंचायतों में सर्वे का काम शुरू किया जायेगा. सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत यह काम कराया जायेगा.
इसकी तैयारियां जल्द शुरू की जायेंगी. सोलर लाइट लगने वाले स्थल का चयन करने के बाद लाइटों को लगाने का काम शुरू किया जायेगा.
इसके लिए एक टीम गठित की जायेगी. उक्त टीम नगर प्रखंड के अंतर्गत आनेवाली 16 पंचायतों में घूम कर गांवों का सर्वे करेगी.
सर्वे करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जायेगी. रिपोर्ट के अनुसार गांवों के गली-चौराहे पर सोलर लाइटें लगायी जायेंगी.
इस संबंध में बीडीओ बलवंत कुमार पांडेय ने बताया कि लाइट लगाने की योजना बनायी गयी है. हालांकि, अबतक फंड में पैसा नहीं आया है.
पैसा आने के बाद गांवों में लाइट लगाने का काम शुरू हो जायेगा. हालांकि, गांवों में सर्वे का काम जल्द शुरू होने जा रह है.
बताया जाता है कि कई ऐसे गांव हैं, जहां की गलियां व चौराहे अंधेरे में हैं. ऐसे गांवों में सबसे पहले सोलर लाइन लगाने की योजना बनायी जायेगी.
इन पंचायतों में लगायी जायेंगी सोलर लाइटें
प्रखंड स्तरीय अधिकारियों ने बताया कि धनसीर, कंडी, औरवां, अहराहा,चाकंद, खिरियावां, नैली व रसलपुर सहित अन्य पंचायतों में लाइटें लगायी जायेंगी.
दूसरी बार में घुठिया, कोरमा व चुरी सहित अन्य पंचायतों में लाइटें लगायी जायेंगी. धीरे-धीरे करके पंचायतों के सभी गांवों व वार्डों में लाइटें लगाने की योजना है.
पुराने को बदल नये केबुल लगाने का काम होगा शुरू
इधर गरुआ बस स्टैंड गुरुआ से लेकर मस्जिद होते ऊपर डीह तक पुराने और जर्जर तार को बदली की जायेगी. इसके लिए तीन दिनों से चल रहे सर्वेक्षण का काम संपन्न हो गया.
इस संबंध में कनीय विद्युत अभियंता विपिन किशोर ने बताया कि बिजली विभाग बेहतर सेवा देने के लिए संकल्पित है. विभिन्न क्षेत्रों में काम तेजी से किया जा रहा है. वहीं नये कनेक्शन वाले लोगों को मीटर साथ-साथ लगाया जा रहा है.
इस बीच बस स्टैंड गुरुआ से उपरडीह तक करीब लगभग 80 पोल पर लगे जर्जर तार का जगह बदली कर कवर तार लगाये जायेंगे. इससे न केवल चोरी की संभावना कम होगी, बल्कि खतरे की आशंका भी काफी कम होगी.
Posted by Ashish Jha