मधुबनी. थर्ड जेंडर अब कानूनी रूप से अपनी पहचान का दावा कर सकेंगे. अब उनके पास आई कार्ड यानी पहचान पत्र होगा. थर्ड जेंडर यानी किन्नरों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पहचान पत्र बनाया जा रहा है. जिले में पहचान पत्र बनाने का काम भी शुरू हो गया है. अबतक दो किन्नरों को पहचान पत्र निर्गत किये गये हैं. तीन किन्नरों को पहचान पत्र शीघ्र दिया जाएगा.
किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन
सरकार का मानना है कि किन्नरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर उनका उत्थान किया जा सकता है. किन्नरों के कल्याण एवं सरकारी योजना का लाभ देने के लिए किन्नर कल्याण बोर्ड का भी गठन किया गया है. बोर्ड का गठन होने से किन्नर समाज को शिक्षा, रोजगार, राशनकार्ड, आवास आदि बुनियादी सुविधाओं में मदद मिलेगी.
ऐसे मिलेगा प्रमाणपत्र
पहचान पत्र बनवाने के लिए किन्नरों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा तैयार किये गये नेशनल ट्रांसजेंडर पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आधार कार्ड के साथ एक शपथपत्र भी देना होगा. शपथपत्र में यह पुरुष व महिला का दावा कर सकेंगे. महिला का दावा करने पर मेडिकल सर्टिफिकेट भी देना होगा. फिर जिलाधिकारी के स्तर से पहचान पत्र एवं एक सर्टिफिकेट किन्नरों को दिया जाएगा.
समाज में सम्मान का भाव जागृत करना है उद्देश्य
दूसरों की खुशी में ही अपनी खुशी ढूंढने वाले किन्नरों के लिए यह खबर सुकून देने वाली है. शिक्षा के क्षेत्र में किन्नरों को स्कूल से जोड़ने की भी योजना है. ताकि स्कूल में छोटी उम्र से उनके प्रति संवेदनशील व सम्मान का भाव समाज में जागृत हो. उनके सम्मान एवं समस्या समाधान का पूरा ख्याल रखा जाएगा.
किन्नरों को सशक्त बनाने में जुटी है सरकार
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय किन्नरों को कई अधिकार देकर उनके उत्थान के लिए प्रयासरत है. सरकार किन्नर समाज की विभिन्न जरूरत को ध्यान में रखते हुए कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है. इसमें शिक्षा, आवास, रोजगार के अवसर, कौशल विकास और उनके अधिकारों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल है.
नेशनल ट्रांसजेंडर पोर्टल पर करना होगा आवेदन
किन्नरों को समाज का हिस्सा बनने व पहचान के लिए काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ता है. उनकी समस्याओं को ध्यान में रखकर आई कार्ड प्रदान करने की पहल की गई है. आई कार्ड बन जाने से कल्याणकारी योजनाओं के साथ सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने में काफी मददगार साबित होगा. जिले में लगभग 20 थर्ड जेंडर बताये जा रहे है.
समस्या निदान को बनाया गया है हेल्प डेस्क
किन्नरों को किसी तरह की समस्या उत्पन्न होने पर जिला बाल संरक्षण इकाई में बनाये गये हेल्प डेस्क पर समस्या का निदान करा सकेंगे. कारण उनके अधिकारों को संरक्षित करने के साथ ही उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रभारी सहायक निदेशक आशीष प्रकाश अमन ने कहा कि जिले में दो किन्नरों को पहचान पत्र एवं सर्टिफिकेट दिया गया है. तीन और किन्नरों को पहचान पत्र शीघ्र दिया जाएगा. पहचान पत्र के लिए किन्नरों को नेशनल ट्रांसजेंडर पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.