Bihar News: बिहार में दूध की जरूरत को पूरा करने के लिए बिहार सरकार पशुपालकों को डेयरी पशु प्रबंधन को कोर्स कराने जा रही है. डेयरी फार्मिंग की ट्रेनिंग के लिए गोविज्ञान अनुसंधान नागपुर, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड आणंद, गुजरात राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल तथा सिलीगुड़ी में पर आश्रित बिहार पहली बार अपने यहां प्रशिक्षण देने जा रहा है. करीब चार हजार पशुपालकों को इसकी नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जायेगी.
खास यह होगा की डेयरी प्रबंधन की जानकारी के बाद राज्य में बाढ़ के दिनों में भी दूध की किल्लत नहीं होगी. समग्र गव्य विकास योजना के तहत डेरी उत्पादकों को हाइटेक तरीके से प्रशिक्षित किया जायेगा. श्वेत क्रांति लाने वाली स्टोरी ऑफ आनंद और एक इनाम टीकाराम के नाम जैसी बदलाव लाने वाली फिल्में दिखायी जायेंगी. एक सप्ताह के इस निशुल्क कोर्स की क्वालिटी में किसी प्रकार की कमी न रह जाये.
डेयरी पशु प्रबंधन का सबसे बड़ा लाभ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के किसान- पशुपालकों को होगा. बीते अगस्त में बाढ़ के कारण 18 जिलों में तीन लाख 11 हजार से अधिक पशु प्रभावित थे़ प्रशिक्षण में पशुओं के लिए चारा लगाने व इसके संरक्षण पर विशेष फोकस होगा. किसान साइलेज बनाना सीख जायेंगे , तो बाढ़ में चारे की कमी नहीं होगी.
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डेरी उत्पादक किसान का चयन पहले आओ, पहले पाओ के तहत होगा
बिहार के गव्य निदेशक संजय कुमार कहते हैं कि समग्र गव्य विकास योजना में चार हजार डेरी उत्पादक किसान का चयन पहले आओ, पहले पाओ के तहत होगा. उनको डेरी क्षेत्र की विभिन्न योजना, पशुओं के रिकार्ड का महत्व, पशुओं में प्रजनन और उसका महत्व, कृतिम वीर्यदान, नस्लों की पहचान, पशुओं का रखरखाव, आहार ज्ञान, पशु रोग की जानकारी के अलावा, डेरी फार्म और डेयरी प्लांट का भ्रमण भी कराया जायेगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha