बिहार में अब भिखारियों को दी जायेगी ट्रेनिंग, मिलेंगे रोजगार के नये अवसर
मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब राज्य के सभी डीएम की निगरानी में भिखारियों को रेस्क्यू किया जायेगा, ताकि उन्हें कौशल प्रशिक्षण से जोड़ा जा सके.
पटना . मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब राज्य के सभी डीएम की निगरानी में भिखारियों को रेस्क्यू किया जायेगा, ताकि उन्हें कौशल प्रशिक्षण से जोड़ा जा सके.
इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने सभी डीएम को दिशा-निर्देश भेजा है. साथ ही, भिक्षावृत्ति से मुक्त कराने के लिए जितने भिखारियों को रेस्क्यू किया जायेगा, उनका डेटाबेस बनाकर भी विभाग को देना होगा और सभी को तुरंत आधार से जोड़ने का भी निर्देश अधिकारियों को दिया गया है.
विभागीय मंत्री अशोक चौधरी ने पटना को मार्च 2021 तक भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने का लक्ष्य तैयार किया गया है.
इसके बाद पटना सहित अन्य जिलों में नुक्कड़ नाटक का आयोजन भी हो रहा है. समाज कल्याण विभाग की ओर से भिखारियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राशि भी दे रही है, जिससे वह कुछ रोजगार कर सकें.
हाल ही में कुछ को दस-दस हजार का चेक प्रदान किया गया है. उनमें डोरवा नट और रमेश पासवान शामिल हैं, जिन्हें 75-75 सौ रुपये का चेक प्रदान किया गया, उनमें कौशल्या देवी, कुलटा देवी, किरण देवी और मोहम्मद खलील शामिल हैं.
दस हजार की राशि उन्हें दी गयी है. जो ठेला खींच कर रोजगार शुरू करेंगे और 75 सौ रुपये की राशि उन्हें दी गयी है, जो ठेले पर सब्जी या कुछ अन्य सामग्री बेचेंगे.
भिक्षावृत्ति निवारण के लिए देश के 10 शहरों में पटना भी शामिल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस योजना को केंद्र सरकार ने भी देश भर में शुरू करने कर दिया है. सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत भिक्षावृत्ति निवारण के लिए केंद्र सरकार ने 10 शहरों को चुना है, जिसमें पटना दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, इंदौर, नागपुर, हैदराबाद और बेंगलुरु शामिल हैं.
भिक्षुक पुनर्वास के लिए चयनित जिले
पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, वैशाली, अररिया, किशनगंज, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय, मधेपुरा, औरंगाबाद, अरवल.
यहां पहले से चल रही है योजना
पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, सारण, सहरसा, रोहतास, नालंदा, कटिहार.
Posted by Ashish Jha