पटना. बिहार के लाखों लोग विदेशों में रह कर बिहार की अर्थ व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं. विदेश में रहनेवाले बिहारियों को इस बात का दुख है कि उन्हें आज भी अपने घर जाने के लिए सीधी विमान सेवा उपलब्ध नहीं है. वो एक या दो जगहों पर विमान बदलकर अपने घर पहुंचने को मजबूर हैं. प्रवासी बिहारियों ने गुरुवार को अबुधाबी में आयोजित जन्माष्ठमी समारोह के दौरान यह बात कही.
संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले बिहार के लोग एक मत से कहा कि केंद्र और बिहार दोनों जगहों की सरकारों ने बिहार में विमानन सेवा के विस्तार के लिए समुचित कदम नहीं उठाया है. लोगों ने कहा कि विदेशों में रहनेवाले बिहार के लोग सपरिवार घर जाना चाहते हैं, लेकिन पटना एयरपोर्ट तक पर कोई अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा उपलब्ध नहीं है.
बिहार में अभी भी मुश्किल से तीन एयरपोर्ट ही चालू हो पाये हैं, जबकि विदेशों में रहनेवालों की संख्या करोड़ों में है. आज बिहार के लोग अगर विदेशों से जाते हैं, तो उन्हें अपने शहर तक पहुंचने में ही काफी समय बर्बाद हो जाता है. लोगों ने कहा कि केवल पैसा और समय ही नहीं, सीधी विमान सेवा नहीं होने से शारीरिक थकान भी अधिक होती है. कई जगहों पर जांच और अन्य प्रकार की प्रक्रियाओं के कारण मानसिक परेशानियां भी झेलनी पड़ती है.
संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, क़तर, ओमान आदि देशों में रहनेवाले अप्रवासी बिहारी इस उपेक्षा से तंग आ कर अब आंदोलन करने का मूड बना रहे हैं. चरणबद्ध आंदोलन के तहत पहले अपने-अपने जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे. इसके बाद पटना हवाई अड्डा प्राधिकरण से इस विषय पर विचार करने की मांग करेंगे.
लोगों ने कहा कि सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. लोगों की परेशानी दूर करने के लिए जो प्रयास होने चाहिए वो होता नहीं दिख रहा है. पटना हवाई अड्डे को अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट कहा जाता है, लेकिन विदेशों के लिए यहां से कोई सेवा नहीं है. एयरपोर्ट इतना छोटा है कि आज भी एयरबस 320 जैसे विमान ही यहां उतर रहे हैं. ज्यादातर राष्ट्रीय सेवा इसी जहाज़ से पूरी की जाती है. लोगों ने सरकार से मांग की है कि अगर पटना में बंद पड़े स्थान्तरण और कस्टम सेवा को फिर से बहाल कर दी जाये, तो कम से कम कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ाने यहां से शुरू की जा सकती है.