सुबोध कुमार नंदन, पटना. डाकघर में चलने वाली छोटी बचत की योजनाओं का लाभ लेने में बिहार पांचवें स्थान पर है. नेशनल सेविंग इंस्टीट्यूट (एनएसआइ) की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार डाकघर में चलने वाली छोटी बचत की योजनाओं में वर्ष 2017-18 में बिहार में 25,586.09 करोड़ का निवेश हुआ है, जो वर्ष 2016-17 की तुलना में 5020.4 करोड़ (24.30%) अधिक है.
वहीं, इस मामले में पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल शीर्ष पायदान पर है, जबकि यूपी व गुजरात क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. गौरतलब है कि लाखों निवेशकों की छोटी बचत से ही देश भर के डाकघरों में लगभग 4.50 लाख करोड़ का डिपॉजिट हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार डाकघर की छोटी बचत योजना से विशेषकर शहर से ग्रामीण इलाके के छोटे दुकानदार जुड़े होते हैं. साथ ही नौकरी-पेशा के लोग भी इसमें शामिल हैं. वे सप्ताह भर की बचत रकम डाकघर की विभिन्न बचत योजनाओं में निवेश करते हैं.
डाकघर के खाताधारकों को जमा रकम पर मिलने वाली मासिक ब्याज दर लोगों को आकर्षित करता है. डाकघर के अधिकारियों ने बताया कि जॉब से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली मोटी रकम को डाकघर में जमाकर उसके मासिक ब्याज को इस स्कीम के ग्राहक पेंशन की तरह उपयोग करते हैं.
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राज्य 2016- 2017 2017-2018
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पश्चिम बंगाल 62419.20 77696.44
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यूपी 50048.92 60156.21
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गुजरात 35684.59 39193.17
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महाराष्ट्र 34223.87 37937.42
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बिहार 20565.69 25586.09
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राजस्थान 16383.17 16606.89
Posted by Ashish Jha