‘मुझे इस जिंदगी में दिलचस्पी नहीं…’ मुजफ्फरपुर में सुसाइड नोट लिख युवक ने की खुदकुशी, NTPC में था इंजीनियर
मुजफ्फरपुर में तेलंगाना के रहने वाले एक इंजीनियर ने आत्महत्या कर ली है. इंजीनियर एनटीपीसी में कार्य करता था. उसका शव एनटीपीसी परिसर और सुसाइड नोट उसके कमरे से बरामद हुआ है.
मुजफ्फरपुर स्थित एनटीपीसी कांटी परिसर से बुधवार को एक इंजीनियर का शव पुलिस ने वाटर टैंक नाला (वाटर कूलिंग) से बरामद किया है. इंजीनियर के क्वार्टर से मोबाइल फोन और एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें पारिवारिक परेशानी और आर्थिक कारणों से आत्महत्या करने की बात लिखी गयी है. मृतक की पहचान तेलंगाना के संगारेड्डी निवासी 26 वर्षीय मधुकर रेड्डी के रूप में हुई है. थर्मल प्रबंधन ने घटना की सूचना इंजीनियर के परिजन और कांटी पुलिस को दी. जिसके बाद थानाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह, एएसआइ कौशल कुमार, विद्याशंकर सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन की. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया. सूचना पर इंजीनियर के परिजन भी तेलंगाना से कांटी पहुंचे हैं.
वाटर कूलिंग के पोखर के पास मिला शव
लोगों ने बताया कि मधुकर रेड्डी मंगलवार को ड्यूटी पर नहीं पहुंचे थे. इसके बाद उनकी खोजबीन की जा रही थी. उनकी कोई जानकारी नहीं मिलने पर थाना में आवेदन दिया गया था. इसी बीच सुबह में वाटर कूलिंग के पोखर से उसका शव बरामद किया गया. जिसके बाद मौके पर खलबली मच गई. इस दुखद घटना से थर्मल पावर प्लांट के अभियंताओं और कर्मियों में भी शोक व्याप्त है.
जनवरी में छुट्टी पर घर गया था इंजीनियर
एनटीपीसी के पीआरओ चंद्रप्रकाश ने बताया कि मधुकर रेड्डी लगभग ढाई साल से एनटीपीसी कांटी में कार्यरत थे. मधुकर ने सोमवार को ड्यूटी के दौरान आखिरी बार अपना कार्ड पंच किया था. क्वार्टर में वो अकेले रहता था, उसकी शादी नहीं हुई है. पिछले महीने वो छुट्टी पर अपने घर भी गया था. जहां से वो कुछ दिन पहले ही लौटा था.
आर्थिक नुकसान के कारण आत्महत्या!
थानाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने बताया कि मधुकर रेड्डी ने अपने सुसाइड नोट में जिस प्रकार की व्यक्तिगत वित्तीय कारणों से आत्महत्या करने की बात लिखी है. इससे लगता है कि वह काफी आर्थिक नुकसान के कारण आत्महत्या की होगी. बताया कि देर शाम मृतक के परिजन थाना पहुंचकर शव को अपने पैतृक गांव ले जाने की अनुमति मांगी है.
क्या लिखा सुसाइड नोट में
पुलिस ने जो सुसाइड नोट बरामद किया है, उसमें लिखा है कि मुझे माफ कर दो अम्मा, नन्ना, नागू. मैं बार-बार वही गलती दोहराता हूं. दो साल से मैं मूर्खों जैसा व्यवहार कर रहा हूं. इसलिए मैंने खुद को आजाद करने का फैसला किया है. मुझे पूरी जानकारी है कि मैं क्या कर रहा हूं. मुझे अब इस जीवन में कोई दिलचस्पी नहीं है. नागू, मुझे आशा है कि तुम दोनों मां और पिताजी का अच्छा ख्याल रखोगे. मुझे माफ़ करें. यह मेरा निजी आर्थिक कारण है. कोई प्रोफेशनल कारण जिम्मेदार नहीं है. यह दो या तीन महीने पहले लिखा गया नोट है. मैं बस कुछ घटित होने का इंतजार कर रहा था.
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