पटना. बिहार के सबसे बड़े हृदय रोग अस्पताल इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) जल्द ही अत्याधुनिक और संसाधन संपन्न रूप में दिखेगा. हृदय रोग से संबंधित तमाम समस्याओं का इलाज एक ही छत के नीचे उपलब्ध रहेगा.
इसकी नयी 10 मंजिला इमारत बनने के बाद अब यहां बेड की संख्या बढ़ने जा रही है. संस्थान में अभी बेड की क्षमता 165 है, जो मरीजों की भीड़ के आगे बहुत कम है. नवनिर्मित इमारत को जल्द ही चालू करने के बाद बेडों की संख्या बढ़ कर 300 हो जायेगी. बाद में इसे बढ़ा कर 400 से भी अधिक करने की योजना है.
यहां बेड बढ़ाने के साथ-साथ डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों और पैरा मेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ाने की प्रकिया शुरू कर दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्थान में फार्मासिस्ट समेत 21 पारामेडिकल स्टाफ पदस्थापित किये गये हैं. इसमें लैब के लिए 12, एक्स-रे के लिए आठ तकनीशियन और एक फार्मासिस्ट को संस्थान में पदस्थापित किया गया.
नयी इमारत के चालू होने से एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की सुविधा दोगुनी हो जायेगी. इसके अलावा दो कैथ लैब और दो मॉड्यूलर ओटी भी इसमें रहेंगे. नयी टीएमटी मशीन, चार इको मशीन, एक टी-इको मशीन, एक सिटी एंजियो मशीन, दो आइसीयू होंगे. इसमें प्रत्येक में 30 से अधिक बेड होंगे. जबकि इमरजेंसी में 22 बेड रहेंगे.
नयी इमारत में लाइब्रेरी, इ-लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस हॉल, सेमिनार हॉल, बीस वीआइपी कमरे, दो वीवीआइपी कमरे रहेंगे. लेटेस्ट होल्टर जांच मशीन, पैथोलॉजी मशीन होगी. इसके साथ ही पुरानी बिल्डिंग में ओपीडी, कैफेटेरिया, पेसमेकर आदि लगाने की भी व्यवस्था की जा रही है.