बिहार: मगध मेडिकल में नर्सिंग स्टाफ का फूटा गुस्सा, काम बंद करने का किया ऐलान, जानिए पूरा मामला
गया के मगध मेडिकल में नर्सिंग स्टाफ व बीएससी नर्सिंग से ट्रेनिंग लेने आये छात्र के बीच बीते दिन हुए मारपीट के मामले में कार्रवाई नहीं होने पर सोमवार को नर्सिंग स्टाफ ने तीन घंटों तक काम ठप रखा साथ ही बुधवार से काम बंद करने का भी ऐलान किया है.
गया के सबसे बड़े अस्पताल मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की नर्सिंग स्टाफ का गुस्सा मंगलवार को फूट पड़ा. छह दिन पूर्व मारपीट व सोमवार की रात मगध मेडिकल के इमरजेंसी में नर्सों को उठा लेने की धमकी देने के बाद भी बीएसी नर्सिंग के छात्रों पर कार्रवाई नहीं होने की वजह से उनका यह गुस्सा फूटा. नर्सिंग स्टाफ ने घोषणा की कि अगर मंगलवार की रात तक छात्रों पर कार्रवाई नहीं की जाती है, तो बुधवार को काम को ठप कर दिया जायेगा.
तीन घंटे तक बंद रहा काम
अस्पताल में अगर नर्सिंग स्टाफ काम बंद करते हैं, तो अस्पताल में मरीजों का इलाज बहुत अधिक प्रभावित होगा. मंगलवार को भी तीन घंटों तक काम बंद करने की स्थिति में मरीज को काफी परेशानी उठानी पड़ी. मंगलवार को नर्सिंग स्टाफ ने काम बंद कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अधीक्षक कार्यालय के बाहर हॉल में दरी बिछाई फिर उसी पर बैठकर आपातकालीन बैठक करने लगे.
अस्पताल कार्रवाई का देता रहा आश्वासन
अस्पताल में पहले से प्रचारित है कि हॉल में दरी बिछाना यानि काम बंद कर देना होता है. करीब तीन घंटे तक नर्सिंग स्टाफ काम बंद कर कार्रवाई की मांग को लेकर बैठक करते रहे. इस दौरान अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एनके पासवान, मगध मेडिकल थानाध्यक्ष शैलेश कुमार आंदोलनकारी नर्सिंग स्टाफ पर कार्रवाई का आश्वासन देते रहे. लेकिन, कोई भी मानने को तैयार नहीं हुआ.
छात्रों को प्राचार्य के स्तर पर दंडित करने की जांच कमेटी ने की अनुशंसा
आंदोलनकारियों के रुख को देखते हुए मारपीट के मामले में बनी जांच कमेटी के सदस्य देर शाम तक सीसीटीवी कैमरे को देख कर कार्रवाई की तैयारी में जुटे रहे. देर शाम तक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की है कि मारपीट करने वाले बीएसी नर्सिंग के एक छात्र को इयर बैक, अन्य तीन को सेमेस्टर बैक व इसके अलावा हॉस्टल से मारपीट के लिए इमरजेंसी आने वाले छात्रों को प्राचार्य के स्तर पर दंडित किया जाये.
धमकी व पैरवी का चला दौर
अस्पताल नर्सिंग स्टाफ को केस वापस लेने व सुलह करने के लिए धमकी के साथ पैरवी की कोशिश तक की गयी. लेकिन, नर्सिंग स्टाफ के साथ मारपीट व सोमवार की रात को इमरजेंसी पहुंच कर धमकी देने के बाद मामला और भी अधिक बिगड़ गया. सुबह होते ही आंदोलन की रूपरेखा नर्सिंग स्टाफ ने अपनी कर्मचारी यूनियन के नेताओं के साथ मिल कर तैयार कर ली. अब नर्सिंग स्टाफ ने सीधे तौर पर प्रशासन को चेतावनी दे दी है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वो काम बंद कर देंगी.
हर हाल में होगी कार्रवाई
वहीं इस संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एनके पासवान ने कहा कि इस तरह का छात्र की ओर से व्यवहार बहुत ही चिंता का विषय है. बीएसी नर्सिंग के प्राचार्य को शुरू के दिन ही छात्र पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. कार्रवाई नहीं करने के कारण ही स्थिति यहां तक पहुंच गयी है. उन्होंने कहा कि प्राचार्य को साफ शब्दों में कह दिया गया है कि छात्र पर कार्रवाई नहीं करने व बचाव करने की स्थिति में उनके खिलाफ सरकार को पत्र लिखा जायेगा. कमेटी के सदस्यों ने आनन-फानन में बैठक की है. जांच रिपोर्ट देर शाम तक आने की संभावना है. उसके बाद कार्रवाई हर हाल में की जायेगी.
क्या है मामला
बता दें कि मगध मेडिकल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बीते गुरुवार की दोपहर नर्सिंग स्टाफ व बीएससी नर्सिंग से ट्रेनिंग लेने आये छात्र के बीच मारपीट हो गई थी. मारपीट में इमरजेंसी वार्ड में तैनात नर्सिंग स्टाफ राजीव रंजन गंभीर रूप से घायल हो गये. उनका इलाज इमरजेंसी में चल रहा है. मारपीट को लेकर इस दौरान करीब दो घंटे तक इमरजेंसी में इलाज पूरी तौर से ठप रहा था. कई मरीजों के परिजन व वार्ड ब्वॉय को चोट आयी थी. घायल राजीव रंजन ने बताया कि पुलिस केस से संबंधित मरीज को बीएससी नर्सिंग छात्र ने लाल बीएचटी दे दी. बीएचटी नहीं देने की बात कहने पर वह मारपीट करने लगा. उसे रोकने के लिए अन्य स्टाफ व मरीजों के परिजन आये, तो वह नर्सिंग हॉस्टल से अन्य साथियों को बुला कर लगाया व सभी के साथ मारपीट की. उसके बाद सभी हॉस्टल चले गये.