ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्य बच गये. पटना के रहने वाले एक परिवार के चारों सदस्य जिसमें पति, पत्नी व दो बच्चे चेन्नई जा रहे थे. बच्ची के पिता ने बताया कि वह पटना के रहने वाले हैं, उनके परिवार को इस घटना के बाद नया जीवन मिला है. बालासोर स्टेशन के बाद ट्रेन को झटका लगा. पति ने बताया कि एक मिनट के लिए उनका होश उड़ गया था, जैसे लगा कि वह भी मर गयी, लेकिन जब आंखें खुली तो उनका पूरा परिवार जिंदा था.
एक साथ चेन्नई जा रहे परिवार के सदस्यों का कहना है कि वेटिंग वाले लोगों की अधिक जान गयी है, क्योंकि टिकट कन्फर्म नहीं होने के कारण वह गेट पर ही खड़े थे. उन्होंने कहा, हमने डिब्बे को धुएं से भरते देखा. स्थानीय लोग हम लोगों की सहायता के लिए आये और उन्होंने हम लोगों को बाहर निकाला. ऐसा लगता है भगवान ने हमे दूसरा जीवन दिया है. पति व पत्नी ने कहा कि दुर्घटना के समय जो दृश्य देखा वह दिमाग से कभी नहीं जायेगा.
बता दें कि बालासोर ट्रेन हादसे में बिहार के आठ लोगों की मौत हुई है. आपदा विभाग की तरफ से जारी जानकारी के मुताबिक मृतकों में पूर्णिया के दो, मुजफ्फरपुर और पूर्वी चंपारण के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं. मृतकों में मधुबनी के सुंदर यादव (18 वर्ष), दिलीप सदय (25 वर्ष), राजेश कुमार यादव (46 वर्ष) व जितेंद्र महतो (43 वर्ष), पूर्णिया के ललित कुमार (22 वर्ष) व मिथिलेश कुमार, मुजफ्फरपुर के विकास कुमार (22 वर्ष) और पूर्वी चंपारण के राजा कुमार पटेल के नाम शामिल हैं.
अभी तक छह मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं. हादसे में बिहार के 53 यात्रियों के घायल होने की सूचना है. इस दुर्घटना में राज्य के 46 यात्री लापता बताये जा रहे हैं. बालासोर से दो बसों से बिहार के यात्री लाये गये हैं.