23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना के 75 थानों में कबाड़ बन रही 10 हजार पुरानी गाड़ियां, सिर्फ नयी व लग्जरी गाड़ियां हो रही नीलाम

पटना जिले के 75 थानों में करीब 10 हजार ऐसी गाड़ियां हैं. खास बात तो यह है कि जबसे ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई है उसमें सिर्फ नये व कीमती वाहनों की नीलामी हो रही है. जबकि सालों से रखे छोटे व पुराने वाहन आज भी उसी तरह सड़ रहे हैं.

आनंद तिवारी, पटना. पटना जिले के ज्यादातर पुलिस थानों पर कबाड़ का ओवरलोड है. पुलिसकर्मियों व लोगों के बैठने की जगह भले न हो लेकिन कबाड़ को न केवल रखने की बल्कि उसकी सुरक्षा की दोहरी जिम्मेदारी अच्छी तरह निभायी जा रही है. पटना जिले के 75 थानों में करीब 10 हजार ऐसी गाड़ियां हैं. खास बात तो यह है कि जबसे ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई है उसमें सिर्फ नये व कीमती वाहनों की नीलामी हो रही है. जबकि सालों से रखे छोटे व पुराने वाहन आज भी उसी तरह सड़ रहे हैं.

शहरी थानों में लगभग 1500 चारपहिया और 5500 दोपहिया वाहन

शहर के कोतवाली थाने के आवासीय परिसर में रह रहे लोगों का कहना है कि जब्त वाहनों के कारण चारों तरफ गंदगी है. वहीं जक्कनपुर, खगौल, राजीवनगर और कंकड़बाग जैसे कुछ थानों में जब्त वाहन के बाद फिलहाल स्थिति ऐसी है कि वहां के पुलिसकर्मियों को भी आने- जाने में दिक्कत होने लगी है. जबकि बुद्धा काॅलोनी व गांधी मैदान ट्रैफिक थाने सहित कई थानों ने अब सड़क पर ही जब्त वाहनों को लगा दिया गया है. एक अनुमान के मुताबिक शहरी थानों में लगभग 1500 चारपहिया और 5500 दोपहिया वाहन हैं. इनकी बैटरी से लेकर लाइट, टायर आदि गायब व खराब हो चुके हैं.

अब एमएसटीसी के जिम्मे है निलामी की प्रक्रिया

कम कीमत पर पुराने दोपहिया और चारपहिया वाहन की नीलामी के लिए प्रशासन ने एक एजेंसी का चयन किया है. इसके तहत राज्‍य में शराब के साथ पकड़ी गयी गाड़ियों की अब इ-नीलामी करने का निर्देश दिया गया है. यह इ-नीलामी प्रशासन के उपक्रप मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन (एमएसटीसी) लिमिटेड के जरिये करने का नियम बनाया गया है. छह महीने पहले पटना में वाहनों की इ-नीलामी की प्रक्रिया का सफल ट्रायल भी किया जा चुका है. इसके बाद विभाग ने पहले प्रमंडलीय मुख्यालयों और अब सभी जिलों में वाहनों की द-नीलामी करने का निर्देश दिया था. लेकिन सूत्रों की मानें, तो निलामी की प्रक्रिया में आम लोगों से भी जीएसटी आदि की डिमांड की जा रही है, जिससे वे नीलामी में शामिल होने से बचते हैं और खास लोगों के पास लग्जरी वाहन पहुंच जाते हैं.

ऐसी होती है वाहनों की नीलामी प्रक्रिया

नियमानुसार लावारिस अवस्था में बरामद या जब्त वाहनों को 6 माह बाद निस्तारण की प्रक्रिया की जाती है. वाहन बरामद होने पर पुलिस पहले उसे धारा 102 के तहत पुलिस रिकॉर्ड में लेती है. गाड़ी का पंचनामा कर कोर्ट में इसकी जानकारी दी जाती है. इसके बाद पुलिस आरटीओ ऑफिस से गाड़ियों के मालिक का नाम पता लेती है. वाहन मालिकों को नोटिस भेजा जाता है. जब गाड़ियों का क्लेम नहीं होता है, तो नीलामी की सूचना देकर एमएसटीसी लिमिटेड एजेंसी को देती है. एजेंसीवाहनों को नीलाम कराती है. नये नियम के मुताबिक शराबबंदी कानून के तहत जब्त गाड़ियों को नीलाम कराने का अधिकार डीएम को है. हालांकि एजेंसी ही इसे भी नीलाम कराती है.

ऐसे की जायेगी जब्त वाहनों की इ-नीलामी

इ-नीलामी की प्रक्रिया के लिए सबसे पहले जब्त वाहन का विवरण एमएसटीसी की वेबसाइट पर डाला जाता है. इ-नीलामी में शामिल होने के इच्छुक लोग मोबाइल नंबर व ओटीपी डाल कर अपना निबंधन कराते हैं. नीलामी में शामिल होने वाले व्यक्ति चाहें तो स्थल पर जाकर वाहन को देखकर संतुष्ट भी हो सकते हैं. तय तिथि व समय पर इ-नीलामी की प्रक्रिया की जायेगी. इसके लिए सभी निबंधित व्यक्तियों को पहले ही सूचना दे दी जाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें