बेटे-बहू ने ट्रेन में बैठा कर छोड़ा, पटना जंक्शन पहुंची वृद्धा, प्रभात खबर की पहल पर मंत्री ने दिया सहारा
इस ट्रेन में सफर कर रहे दूसरे यात्री से बातचीत के दौरान महिला ने अपनी परेशानी बतायी, तो कोतवाली थाने के डीएसपी को इसकी सूचना दी गयी. इस पर पटना जंक्शन जीआरपी ने उक्त महिला को ट्रेन से रिसीव किया. वह ट्रेन के बोगी संख्या डी-13 में बैठी थी. ट्रेन से उतारने के बाद उसे थाना में लाया गया.
पटना. 66 साल की विधवा जिलेबिया कुवर को उसके बेटे-बहू ने सासाराम-पटना सुपर फास्ट पैसेंजर ट्रेन में बैठा कर लावारिस छोड़ दिया. इस ट्रेन में सफर कर रहे दूसरे यात्री से बातचीत के दौरान महिला ने अपनी परेशानी बतायी, तो कोतवाली थाने के डीएसपी को इसकी सूचना दी गयी. इस पर पटना जंक्शन जीआरपी ने उक्त महिला को ट्रेन से रिसीव किया. वह ट्रेन के बोगी संख्या डी-13 में बैठी थी. ट्रेन से उतारने के बाद उसे थाना में लाया गया.
कुसौनी की रहनेवाली है वृद्धा
थाने में महिला ने बताया कि राजेश व रमेश उसके बेटे हैं. बहू उसे खाना नहीं देती है. ट्रेन में बैठा दिया. महिला गोपालगंज जिले की मीरगंज के कुसौनी की रहनेवाली है. उसके पास आधार कार्ड मिला है. उनके पति का नाम स्व मिश्री गोंड है.
वाराणसी रेलवे में कार्यरत हैं दो बेटे
बुजुर्ग महिला ने बताया कि उसके दो बेटे हैं. दोनों रेलवे में वाराणसी में कार्यरत हैं. पांच दिन पहले बेटा और बहू उसे ट्रेन में बैठाकर चले गये. वह भटक रही है. जीआरपी की ओर उसके परिजनों से संपर्क कर उनको सौंपने की कोशिश की, तो बेटों की बात कौन कहे, बेटी ने भी पल्ला झाड़ लिया.
शाम तक नहीं आये परिजन
जीआरपी थानाध्यक्ष रंजीत कुमार ने बताया कि महिला के बारे में सूचना मिलने पर उसे ट्रेन से उतार कर थाना में रखा गया है. उसके परिजन के आने की दिन भर से इंतजार हो रहा है. शाम तक कोई परिजन नहीं पहुंचा है. माेबाइल नंबर 9931993046 पर लगातार संपर्क कर उसके परिजन के बारे में जानकारी लेने का प्रयास हो रहा है, लेकिन संपर्क नहीं हो रहा है.
प्रभात खबर की पहल पर मंत्री ने दिया सहारा
प्रभात खबर को इस मामले की जानकारी मिलने पर सामाजिक दायित्वों को निभाते हुए खान व भूतत्व मंत्री जनक राम को जानकारी देकर सहयोग करने की बात कही. मंत्री ने तत्काल जीआरपी के इंस्पेक्टर से बात कर अपने आवास पर ले आने और परिजनों से संपर्क कर उनको सौंपने में जुट गये. मंत्री ने कहा कि महिला तब तक मेरे पास रहेगी, जब तक उसके परिजन आकर नहीं ले जाते हैं. अगर उनके बेटा उनको नहीं लेने आते हैं, तो उन पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी.