Old Pension Scheme लागू करने को लेकर बिहार में कर्मचारी संघ प्रदर्शन, जानें क्या है पूरा मामला…
Old Pension Scheme यूपीए शासित पांच राज्य और एक आम आदमी पार्टी शासित प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है. आम जनता पुरानी पेंशन व्यवस्था की मांग 2004 से ही लगातार कर रही.
Old Pension Scheme अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने मंगलवार को पुरानी पेंशन को फिर से बहाल करने को लेकर नगर निगम कैंपस के पास प्रदर्शन किया. इसका नेतृत्व अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रमंडलीय मंत्री उपेंद्र नाथ पांडेय एवं बिहार राजकीयकृत प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के राज्य उपाध्यक्ष उदय शंकर गुड्डू ने संयुक्त रूप से किया. इस प्रदर्शन में कर्मचारी एवं राज्यकीयकृत प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी शामिल हुए.
प्रदर्शन के बाद एक प्रतिनिधि मंडल डीएम को ज्ञापन सौपा. जिसमे पुरानी पेंशन बहाली एवं शिक्षक कर्मचारी से जुड़ी मांगे शामिल है. प्रदर्शन में राजकीयकृत प्राथमिक शिक्षक संघ के वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार सिंह, प्रदेश महा सचिव तसौवर हुसैन, सारण जिलाध्यक्ष डॉ राजेश यादव, मनजीत तिवारी, दिनेश कुमार, जिला उपाध्यक्ष अमित प्रकाश, रौशन कुमार सिंह, अजय कुमार, संजय कुमार, धर्मेंद्र कुमार मौजूद थे.
क्यों हो रही मांग?
आरजेडी ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि अगर बिहार में मेरी पार्टी की सरकार बनती है तो ओल्ड पेंशन योजना लागू करेंगे.गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही इस बात की कयास लगाया जाने लगी थी कि सरकार पुरानी पेंशन योजना कब लागू करती है. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अभी तक सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है और ना ही उनकी ऐसा कोई भरोसा मिला है. लेकिन बिहार के महागठबंधन की सरकार पर इस स्कीम को लागू करने के लिए दवाब जरूर बनाया जा रहा है.एनडीए की सरकार के साथ जब नीतीश कुमार थे तब विधानसभा में सवाल उठे थे कि क्या सरकार ओल्ड पेंशन योजना चालू करेगी.इस बात पर तत्कालीन मंत्री बिजेंद्र यादव ने साफ कहा था कि सरकार इसके बारे में अभी नहीं सोच रही.
क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम?
पुरानी पेंशन योजना स्कीम के तहत वर्ष 2004 से पहले सरकार अपने कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन दिया करती थी. यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित हुआ करता था. इस स्कीम के तहत रिटायर कर्मचारी के मौत होने पर उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था. लेकिन, वर्ष 2004 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने नई पेंशन योजना लागू करते हुए पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर दिया. इसका हर स्तर पर विरोध हुआ.
न्यू पेंशन योजना की वजह से ही उस समय की कई राज्यों की सरकारें भी बदल गईं थी. लेकिन, अटल सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू नहीं किया. न्यू पेंशन योजना के तहत 22 दिसंबर 2003 के बाद जो भर्तियां हुई और उसमें जिसे भी नौकरी मिली वैसे कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलेगा. यूपीए शासित पांच राज्य और एक आम आदमी पार्टी शासित प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है. आम जनता पुरानी पेंशन व्यवस्था की मांग 2004 से ही लगातार कर रही. अब देखना है बिहार सरकार इस पर क्या कदम उठाती है?