ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) लागू करने को लेकर बिहार में पिछले दो दिनों से बवाल मचा है. बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की ओर से पटना जिले के अराजपत्रित कर्मचारियों ने मंगलवार को गर्दनीबाग में धरना दिया. इसी प्रकार का धरना प्रदर्शन मंगलवार को बिहार के विभिन्न जिलों में भी हुआ. इस बीच मंगलवार को वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इसका जवाब दिया.उन्होंने कहा कि सरकार ओपीएस (Old Pension Scheme) को बहाल करने की किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो राज्य OPS में वापसी की इच्छा रखते हैं, उन्हें संचित NPS फंड की वापसी नहीं मिलेगी. इसके लिए PFRDA अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है. बताते चलें कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) बहाल कर दिया गया है. इसके बाद ही इस बात को लेकर एक चर्चा शुरु हुई थी कि केंद्र सरकार भी इसको फिर से लागू कर सकती है.
बिहार विधान सभा चुनाव के समय बिहार की जनता से आरजेडी नेता और बिहार के वर्तमान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने वादा किया था कि बिहार में अगर उनकी सरकार बनी तो बिहार में वो ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करेंगे. लेकिन, सरकार बनने के बाद तेजस्वी यादव की इसपर चुप्पी के बाद बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि प्रदेश में अब महागठबंधन की सरकार है. इसलिए तेजस्वी यादव को अपना वादा पुरा करना चाहिए.
राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में ओपीएस लागू है. यहां की राज्य सरकारों ने OPS को वापस करने के अपने फैसले के बारे में केंद्र को सूचित किया है. इसके साथ ही राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत संचित कोष की वापसी का भी अनुरोध किया है. इसपर केंद्र सरकार के मंत्री ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से शुरू करने की इच्छा रखने वाले पांच गैर-बीजेपी राज्यों द्वारा मांगे जा रहे है संचित NPS फंड की वापसी के लिए PFRDA अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है.