पटना में विपक्षी एकता की बैठक के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बीच सवाल-जवाब भी हुए. शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने बीच बचाव कर मामले को शांत कराया. सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार के अधिकार पर लाये गये अध्यादेश की चर्चा करते हुए कहा कि इस पर राज्यसभा में सारे विपक्षी दल आम आदमी पार्टी का समर्थन करें.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा में अध्यादेश को लेकर गुपचुप समझौता हुआ है कि जब राज्यसभा में वोटिंग होगी तो कांग्रेस के सांसद वॉकआउट कर जायेंगे. उनके इस बयान पर हंगामा शुरू हो गया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर से धारा 370 को हटाने के दौरान आम आदमी पार्टी के स्टैंड पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला किया तब तो आपकी पार्टी ने सरकार के साथ वोट किया था. तब तो आपने हमारा समर्थन नहीं किया. आज आपके ऊपर संकट आया है तो आप चाहते हैं कि सब आपका साथ दें.
केजरीवाल और उमर के उलझने पर शरद पवार ने बीच-बचाव का मोर्चा संभालते हुए केजरीवाल से कहा कि आम आदमी पार्टी को एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना से सीखना चाहिए. पवार ने कहा कि दोनों पार्टियां 25 साल से एक-दूसरे के खिलाफ राजनीति कर रही थीं, लेकिन जब समय की जरूरत हुई तो दोनों साथ काम कर रहे हैं. साथ काम करना है तो मतभेद दूर रखने होंगे.
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बैठक की बीच एक बार ममता बनर्जी भी कांग्रेस से खफा नजर आयीं. उन्होंने कहा कि यहां एकता की बात हो रही है और वहां बंगाल में कांग्रेस के नेता धरना दे रहे हैं और लगातार टीएमसी पर हमला बोल रहे हैं.