मुजफ्फरपुर में मिले पांच ओमिक्रोन पॉजिटिव, पर स्वास्थ्य विभाग को मरीजों की पहचान नहीं, तलाश में जुटे सीएस
सीएस ने बताया है कि पांचों केस के बारें में उन्हें जानकारी नहीं उपलब्ध करायी गयी है. जिले से 1700 सैंपल जांच के लिये भेजे गये थे.
मुजफ्फरपुर. आइजीआइएमएस की जिनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट में जिले के पांच कोरोना पॉजिटिव में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है. ओमिक्रोन के पांचों केस किन इलाके के हैं, इसकी जानकारी सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा को नहीं है.
सीएस ने बताया है कि पांचों केस के बारें में उन्हें जानकारी नहीं उपलब्ध करायी गयी है. जिले से 1700 सैंपल जांच के लिये भेजे गये थे. उन्हीं में से पांच केस सामने आये होंगे. उन्होंने कहा कि जानकारी ली जा रही है कि केस कहां के है. इससे बचाव के लिए अभियान चलाया जायेगा.
यहां बता दें कि सूबे के अलग-अलग जिलों से लिए गए 40 रैंडम सैंपल में 40 संक्रमितों में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पाया गया है. जिससे पांच जिले का है. नोडल अधिकारी डॉ सीके दास ने कहा कि ओमिक्रॉन से संक्रमित होने वाले पूरी तरह से वैक्सीनेट लोगों में इसके गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दे रहे है. ऐसे मरीजों को अस्पताल में एडमिट करने की जरूरत नहीं पड़ रही है.
ओमिक्रॉन के इंफेक्शन का खतरा शरीर की क्षमता पर निर्भर करता है. दूसरा, कमजोर इम्यूनिटी, डायबिटीज, हार्ट डिसीज, कैंसर या आर्थराइटिस जैसी बीमारियों के शिकार लोगों को इससे ज्यादा खतरा है. बुजुर्गों की इम्यूनिटी भी धीरे-धीरे कम हो जाती है, इसलिए उन्हें भी संभलकर रहने की जरूरत है.
गलत डाटा अपलोड करने पर ऑपरेटर को चेतावनी
सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने बुधवार को बैठक की. जिसमें नियमित टीकाकरण में भी गलत डाटा अपलोड होने पर ऑपरेटरों को चेतावनी दी. उनसे शो कॉज पूछा गया है. उन्हें कहा गया कि जितना काम करें, उसका उसी दिन पोर्टल पर अपलोड करें.बैठक में मुशहरी के मणिका स्थित स्कूल के बच्चाें का भी मामला उठा.
पता चला कि स्कूल में नवंबर में 50 बच्चों का कोरोना जांच हुआ था. तीन माह तक स्वास्थ्य विभाग पोर्टल पर अपलोड करना ही भूल गया. तीन माह बाद जब मैट्रिक परीक्षा को लेकर बच्चे वैक्सीनेशन कराने स्कूल पहुंचे, तब विभाग को याद आया और आनन-फानन में टीकाकरण की जगह कोरोना जांच की सूचना अपलोड किया गया.
सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने मुशहरी पीएचसी प्रभारी और डाटा ऑपरेटर को कड़ी चेतावनी देते हुए भविष्य में ऐसी गलती होने पर कार्रवाई करने की बात कही. बताया कि मामला सामने आने पर पीएचसी प्रभारी से जांच करायी गयी थी.