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Bihar News: पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कोरोना संक्रमण कम, एक माह में 10 हजार 600 महिलाएं पॉजिटिव

बच्चों व किशोरों के संक्रमण के मामले में महिलाओं का ग्राफ अधिक है. खासकर किशोरावस्था वाले संक्रमितों में यह आंकड़ा 50-50 का है. यह चिंताजनक है. अब तक नवजात से 17 साल तक के करीब 3500 नाबालिग बच्चे पॉजिटिव हुए हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2022 8:23 AM

पटना जिले में कोरोना की तीसरी लहर जारी है. हालांकि, बीते चार दिनों से जिले में संक्रमितों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है और आंकड़ा 500 तक आ गिरा है. बीते एक महीने में अब तक पटना जिले में करीब 32000 लोग संक्रमित हो चुके हैं. हालांकि तीसरी लहर के संक्रमितों में पुरुषों की संख्या काफी अधिक है. सक्रिय मरीज में पुरुष ही अधिक हैं. वायरस महिलाओं को ज्यादा संक्रमित नहीं कर पा रहा है. यही वजह है कि संक्रमितों में महिलाओं की संख्या महज एक तिहाई ही है.

एक माह में 10 हजार 600 महिलाएं हो चुकी हैं पॉजिटिव

जिले में नये साल की शुरुआत के साथ ही तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. 20 जनवरी तक करीब 32000 संक्रमित सामने आ चुके हैं. इनमें 21,344 पुरुष थे. अब तक 10,667 महिलाएं संक्रमित मिली हैं. संक्रमितों में सबसे ज्यादा 18 से 39 वर्ष के आयुवर्ग के लोगों की है. इस आयु वर्ग में करीब 5 हजार से अधिक पुरुष थे, जबकि करीब दो हजार महिलाएं शामिल हैं. इसके बाद 40 से 59 साल आयु वर्ग के लोग पॉजिटिव हुए थे. जबकि 60 वर्ष से अधिक लोगों की संख्या सबसे कम दर्ज की गयी है.

बच्चों व किशोरों में बढ़ा है ग्राफ

बच्चों व किशोरों के संक्रमण के मामले में महिलाओं का ग्राफ अधिक है. खासकर किशोरावस्था वाले संक्रमितों में यह आंकड़ा 50-50 का है. यह चिंताजनक है. अब तक नवजात से 17 साल तक के करीब 3500 नाबालिग बच्चे पॉजिटिव हुए हैं. इनमें लड़कियों की संख्या 1650 और लड़कों की संख्या 1850 दर्ज की गयी है. कुल 3500 में 15 से 17 साल तक के किशोरों की सर्वाधिक संख्या है. इसके बाद कम उम्र के बच्चे शामिल हैं.

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होम आइसोलेशन में स्वस्थ हो गये 99% नाबालिग

विशेषज्ञों का कहा है कि घरेलू काम करने वाली महिलाएं सर्दी-जुकाम को नजर अंदाज कर देती हैं. वे कोरोना जांच नहीं करातीं. वहीं सिविल सर्जन डॉ विभा सिंह ने कहा कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में बाजार में कम निकलती है. इस कारण उनमें संक्रमण के मामले कम हैं. हालांकि अच्छी बात यह है कि 99% मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं.

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