कोरोना डेल्टा को रिप्लेस करने लगा ओमिक्रॉन वायरस, टीका लेने वाले मरीजों में एंटी बॉडी व टीसेल अप्रभावी

जीनोम सिक्वेसिंग में यह पाया जा रहा है कि वैक्सीनेशन का भी बेहतर रिजल्ट आ रहा है. इसमे पाया गया है कि जिन मरीजों ने टीका लिया है उनका एंटीबॉडी पर वायरस का कोई असर नहीं पड़ा है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 10, 2022 6:45 AM

बिहार में कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन की संख्या 85 प्रतिशत मिलने को वैज्ञानिक थोड़ा राहत वाला बता रहे है. आइजीआइएमएस के माइक्रोबायोलॉजी के वरीय वैज्ञानिक डॉ अभय कुमार और विभागाध्यक्ष डॉ नमता ने बताया कि बिहार में ओमिक्रॉन वायरस अब डेल्टा को रिप्लेस कर देगा. ओमिक्रॉन वैरिएंट की खासितयत है कि इसमे डेल्टा की तुलना मे ऑक्सीजन की कम आवश्यकता होती है.

उन्होने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट की संख्या अधिक थी. डेल्टा वैरिएंट सांस की नली और फेफड़े को अधिक जकड़ लेता है, जिससे मरीज को ऑक्सीजन की अधिक आवश्यकता होती है. ओमिक्रॉन का वायरस सांस की नली तक ही रूक जाता है और बहुत की कम मात्रा मे फेफड़े को संक्रमित करता है. ऐसे में ऑक्सीजन की कम आवश्यकता होती है. डॉ अभय और डॉ नमता ने बताया कि इसमे अच्छी बात है कि अब दोनों वायरस के बीच पतिदवंद्विता है. चूंकि ओमिक्रॉन का फैलाव अधिक है तो उसकी संख्या अधिक होगी और वह डेल्टा वैरिएंट को कम कर देगा.

उन्होने बताया कि जीनोम सिक्वेसिंग में यह पाया जा रहा है कि वैक्सीनेशन का भी बेहतर रिजल्ट आ रहा है. इसमे पाया गया है कि जिन मरीजों ने टीका लिया है उनका एंटीबॉडी पर वायरस का कोई असर नहीं पड़ा है. दूसरी बात यह है कि टीसेल जो वायरस का कीलर कहलाता है वह भी प्रभावित नही हुआ है. यह अच्छी बात है.

Also Read: Coronavirus: बिहार के 10 जिलों में 100 से ज्यादा मिले कोरोना पॉजिटिव, पटना में नये केस दो हजार के पार
ओमिक्रॉन के मरीजों के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम गड़बड़ाता है

कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के लक्षण डेल्टा से अलग है. आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने कहा कि ओमिक्रॉन संक्रमित को रात में सोते समय पसीना आता है. कड़ाके की ठंड में भी मरीज को पसीना आने से नहीं बचा सकती है. ओमिक्रॉन के मरीजों में स्वाद और गंध जाने के लक्षण कम दिख रहे है. राहत की बात यह है कि ओमिक्रॉन के मरीज के फेफड़ों में गंभीर संक्रमण होने की आशंका कम होती है. संक्रमितों के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम गड़बड़ाता है.

Next Article

Exit mobile version