पटना. बिहार म्यूजियम की चर्चा देश-विदेश में तो होती रहती है.अब इस म्यूजियम की तर्ज पर दूसरे राज्यों में म्यूजियम बनाने की बात होने लगी है. बिहार म्यूजियम की तर्ज पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी म्यूजियम बनाने का निर्णय वहां की सरकार ने लिया है. रविवार को छत्तीसगढ़ के संस्कृति एवं पुरात्व विभाग की एक टीम आयुक्त सह निदेशक विवेक आचार्य के नेतृत्व में न केवल बिहार म्यूजियम की दौरा की बल्कि इसके महानिदेशक और बिहार के पूर्व मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह से मिलकर इसकी बारीकियों के बारे में जानकारी भी ली.
छत्तीसगढ़ से आयी टीम ने कला,संस्कृति एवं युवा विभाग की सचिव बन्दना प्रेयषी और अपर सचिव दीपक आनंद से भी विस्तृत चर्चा की. अपर सचिव आनंद ने बताया कि छत्तीसगढ़ की टीम को बिहार म्यूजियम में रखी वस्तुओं के साथ-साथ इसकी आडियो-विज्युअल सिस्टम काफी पसंद आया है. उन्होंने बताया कि विभाग के पुरात्व निदेशालय,संग्रहालय निदेशालय और संरक्षित स्थलों के बारे में भी जानकारी ली.
छत्तीसगढ के संस्कृति एवं पुरात्व विभाग के आयुक्त सह निदेशक विवेक आचार्य ने बताया कि बिहार म्यूजियम दुनिया के बेहतरीन म्यूजियम में से एक है. छत्तीसगढ़ सरकार भी इसी तर्ज पर रायपुर में एक म्यूजियम बनाने की सोची है. इसलिए टीम बिहार आई है. बिहार म्यूजियम के डीजी से इस म्यूजियम की कंसेप्ट से लेकर डिजाइन के बारे में जानकारी ली है. इसके निर्माण में कहां-कहां और किस तरह की समस्याएं सामने आई और उसका क्या समाधान सामने आया इस बारे में भी जाना.
उन्होंने बताया कि रायपुर में भी 1875 में बने म्यूजियम है, जो देश के सबसे पुराने 9 म्यूजियम में से एक है. दोनों म्यूजियम के प्रदर्श को एक दूसरे के म्यूजियम डिस्पले करने पर भी बात हुई है. ताकि दोनों राज्यों के लोग एक दूसरे के म्यूजियम की वस्तुओं को अवलोकन कर सकें.टीम में रायगढ़ म्यूजियम के संचालक इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल, डा.पीसी पारख,सुभाष जैन और तापस कुमार बसाक आदि थे.