Bihar News: सरकार 60 वर्ष से अधिक उम्र के बेसहारा, लाचार लोगों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेशन देती है. बिहार के मधुबनी जिले से इस योजना में व्यापक तौर पर गडबड़ी बरते जाने का मामला सामने आया है. आलम यह है कि सुहागिन महिलाएं कागज पर विधवा-दिव्यांग तो युवा -नौजवान बुजुर्ग बन कर पेशन ले रहे है. इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब सामाजिक सुरक्षा पेशन पाने के लिए लाभुको को जीवन प्रमाणीकरण प्रमाणपत्र जमा करना पड़ा.
मधुबनी जिले में ऐसे 17 हजार 263 लाभुकों की पहचान की गयी है, जो गलत तरीके से सामाजिक सुरक्षा पेशन ले रहे थे. लाभुकों की उम्र सत्यापन के लिए बीडीओ को पत्र भी भेजा गया है. कुछ प्रखंडों में तकरीबन 6000 हजार लाभुकों का सत्यापन भी किया गया, जिसमें 402 लाभुकों में कुछ विधवा बनकर तो कुछ दिव्यांग बनकर पेंशन योजना का लाभ ले रहे है. वहीं करीब 63 मृत लाभुक के खाते में पेंशन राशि भेजी जा रही थी.
सभी लाभुकों का भौतिक सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया है. अब सत्यापन के बाद ही लाभुकों को पेंशन का भुगतान किया जाएगा. सामाजिक सुरक्षा निदेशालय ने सभी लाभुकों को उम्र संबंधी बायोमेट्रिक एवं भौतिक सत्यापन कराते हुए सॉफ्ट व हार्ड कॉपी कोषांग को उपलब्ब्ध कराने का निर्देश दिया है.
हद है! कहां जा रहा समाज
मधुबनी मे वृद्धा पेशन योजना में व्यापक गड़बड़ी का मामला सामने आया है. वहां सुहागिन महिलाएं कागज पर विधवा तो युवा -नौजवान बुजुर्ग बन कर पेशन ले रहे है. इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब सामाजिक सुरक्षा पेशन पाने के लिए लाभुको को जीवन पमाणीकरण पमाणपत्र जमा करना पड़ा.
इससे पहले मुजफ्फरपुर में भी इस तरह के मामले का खुलासा हो चुका है. मुजफ्फरपुर मे 23725 ऐसे लाभुक है, जिन्होने जून माह तक उम्र में गड़बड़ी कर वृद्धा पेंशन उठाया है. हालांकि मामले का खुलासा होने के बाद भुगतान पर रोक लगा दी गयी.
Posted by: Radheshyam Kushwaha