Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर सदर थाना क्षेत्र के मझौलिया खेतल इलाके में रहने वाले अमरेश कुमार को ऑनलाइन डॉक्टर के यहां नंबर लगाना महंगा पड़ गया. साइबर अपराधियों ने उनके खाते से 2.87 लाख रुपये उड़ा लिया. अपने साथ हुए धोखाधड़ी के बाद अमरेश ने थाने में मामला दर्ज कराया है. वहीं, मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि कहा है कि वह अतरदह रोड के एक नामचीन डॉक्टर को दिखाने के लिए उनका मोबाईल नंबर ऑनलाइन सर्च कर रहे थे. उन्हें डॉक्टर का नाम सर्च करने पर एक मोबाइल नंबर मिला. जब उन्होंने उसपर संपर्क किया तो कहा गया कि वाट्सएप पर भेजे गये लिंक पर मरीज का नाम और पता भर दें. इसके बाद 10 रुपये का भुगतान ऑनलाइन करना होगा. भुगतान करने के बाद उनका नंबर कंफर्म हो जाएगा.
वाट्सएप पर लिंक भेज खाते से उड़ाया 2.87 लाख रुपये
जब उन्होंने वाट्सएप पर भेजे गये लिंक पर क्लिक कर मरीज का नाम, पता दे दिया और 10 रुपये का भुगतान कर दिया तो संदेह हुआ कि फीस के रूप में 10 रुपये ही क्यों लिए. डॉक्टर का शुल्क अधिक है. इसके बाद उन्होंने संदिग्ध का नंबर ब्लॉक कर दिया. लेकिन तब तक साइबर अपराधी उनके खाते में सेंध लगाना शुरू कर चुका था. उनके नंबर पर अचानक पैसा निकासी का मैसेज आने लगा. जब तक उन्होंने अपना खाता बंद कराया, तब तक 2.87 लाख रुपये की निकासी हो चुकी थी. उन्होंने साइबर क्राइम पोर्टल और इसके बाद थाने में शिकायत की है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.
छात्रा को मैसेज भेज ठग लिए 15 हजार
वहीं, काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के सादपुरा इलाके में रहने वाली एक छात्रा से साइबर ठगों ने 15 हजार रुपये की ठगी की है. छात्रा ने इसको लेकर साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत की है. साथ ही प्राथमिकी के लिए काजी मोहम्मदपुर थाने में आवेदन दिया है. पीड़िता ने बताया कि उसके पिता बैंक में कार्यरत हैं. उसके नंबर पर फोन आया कि उनके पिता ने कहा है कि उसके खाते पर 15 हजार रुपये भेज दें. इसके लिए उसने छात्रा का यूपीआई आईडी ले लिया. इसके कुछ देर बाद छात्रा के मोबाइल पर एक फर्जी ट्रांजेक्शन आईडी के साथ 12 हजार रुपये का मैसेज टाइप करके भेज दिया. साथ ही इसके कुछ ही देर बाद एक और मैसेज भेजा इसमें 30 हजार रुपये भेजे जाने का विवरण था.
ठग लिए 15 हजार
इसके बाद उसने कॉल कर बताया कि तीन की जगह 30 हजार रुपये चला गया है. शेष 27 हजार रुपये वह लौटा दे. छात्रा ने मैसेज देखकर मान लिया कि पैसे सही में भेजे गये हैं. इसके बाद उसने दो-तीन बार में उसके खाते पर कुल 15 हजार रुपये भेज दिये. जब उसने पिता से यह बात पूछी तो उन्होंने इससे इंकार किया. ठगा महसूस होने पर उसने साइबर क्राइम पोर्टल और थाने में शिकायत की.
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