बिहार में बीमार पशुओं के इलाज के लिए एक फोन काफी, गांव तक पहुंचे जायेगा पशु अस्पताल

संचालन आदि का मसौदा तैयार है. इसे सरकार की मंजूरी मिलते ही आउटसोर्स पर स्टॉफ की नियुक्ति कर दी जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2022 8:58 PM

पटना. पशुपालकों को अब पशु अस्पतालों की दौड़ नहीं लगानी होगी. एक फोन कॉल पर सुदूर गांवों में उनके दरवाजे पर ही पशुओं का इलाज हो सकेगा. इसके लिए मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक चलाए जाएंगे. राज्य में 307 मोबाइल वेटनरी सर्विस यूनिट (एमवीयू) जिलावार संचालित की जाएंगी. संचालन आदि का मसौदा तैयार है. इसे सरकार की मंजूरी मिलते ही आउटसोर्स पर स्टॉफ की नियुक्ति कर दी जायेगी.

एक लाख पशुओं की संख्या पर एक एमवीयू

पशु अस्पतालों की कमी के कारण पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल में दिक्कत न हो इसके लिये एक लाख पशुओं की संख्या पर एक एमवीयू स्थापित होनी है. फिलहाल 307 यूनिट के लिये वाहनों की खरीद प्रक्रियाधीन है. टेंडर के तहत जीपनुमा वाहन खरीद कर उसे इस तरह मोडिफाय कराया जाये कि उसमें छोटा पशु उपचार के लिये अस्पताल लाया जा सके. एक वाहन पर करीब 16 लाख रुपये खर्च होंगे. इनके संचालन के लिए इतने ही चिकित्साधिकारी, पैरा वेटनरी स्टाफ व चालक आउटसोर्सिंग पर रखे जाएंगे.

पशुपालक को मिलेगा टोल फ्री नंबर

जिलों को पशु संख्या के आधार पर यूनिट सौंपी जाएंगी, इनकी निगरानी के लिए राजधानी पटना और जिलों में कंट्रोल यूनिट बनेगी. पशुपालक को टोल फ्री नंबर पर फोन करना होगा, मोबाइल यूनिट सीधे उसके गांव और दरवाजे पर पहुंचेगी, उसमें दवा के साथ ही इलाज के सारे इंतजाम होंगे. इसके लिये किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जायेगा. विभाग टोल फ्री नंबर पर आने वाले काल का फालोअप भी करेगा, यानी पशुपालक से वार्ता की जाएगी कि टीम पहुंची थी या नहीं, पशु का हाल क्या है, यदि जरूरत होगी तो दूसरी और तीसरी बार भी मोबाइल यूनिट वहां जाएगी.

क्या हैं मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक

यह एक वाहन है, जिसमें एक पशु चिकित्सक, एक पैरा-पशु चिकित्सक और एक चालक-सह-अटेंडेंट होते हैं, इसमें पशु-रोगों के निदान, उपचार और सामान्य सर्जरी के लिये उपकरण तथा अन्य बुनियादी आवश्यकताएं उपलब्ध होती हैं. इसमें जागरूकता के लिये ऑडियो-विजुअल विज्ञापन के साथ जीपीएस ट्रैकिंग की भी व्यवस्था है.

केंद्र सरकार ने कराया है बजट उपलब्ध

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सहायक निदेशक सूचना एवं विस्तार डा. रमेश कुमार ने कहा कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में पालतू पशुओं में पनप रही बीमारियों से निपटने और पशुपालकों को राहत दिलाने के लिए ‘सचल पशु चिकित्सा सेवा इकाइयों यानि मोबाइल वेटनरी सर्विस यूनिट (एमवीयू) की योजना है. पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने बजट उपलब्ध कराया है. इस योजना के तहत पशुपालक किसानों को उनके घर पर ही निशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी.

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